Move to Jagran APP

Delhi police: थानाध्यक्ष के कमाल से मैडम अंजान, बदली हवलदारों की चाल

दिल्ली के थानों में इन दिनों हवलदारों की चाल बदली हुई नजर आ रही है। उनकी आंखों में सपने तो दिख ही रहे हैं वे अपने साथियों को ईमानदारी और मेहनत का पाठ भी पढ़ाते हुए दिख रहे हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 12:58 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 12:58 PM (IST)
Delhi police: थानाध्यक्ष के कमाल से मैडम अंजान, बदली हवलदारों की चाल
दिल्ली में बदली हवलदारों की चाल। प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]।मुकदमा दर्ज करने से लेकर विवेचना तक थानाध्यक्ष कैसे-कैसे खेल करते हैं। इसकी चर्चा तो अक्सर होती रहती है, लेकिन जहांगीरपुरी के थानाध्यक्ष सर्वेश कुमार ने डीसीपी विजयंता आर्या के साथ जो खेल किया है, उसे लेकर कई थानों के पुलिसकर्मी भी खूब चुटकी ले रहे हैं। दरअसल, सात सितंबर को थाना पुलिस ने दो झपटमारों को पकड़ा था। पुलिसकर्मियों ने दोनों को कोर्ट में पेशकर जेल भेज दिया। कार्रवाई को लेकर डीसीपी ने रिपोर्ट के साथ आरोपितों की फोटो भी मांग ली।

loksabha election banner

अब थानाध्यक्ष ने बदमाशों की फोटो तो कराई नहीं थी, लेकिन मैडम को मना कैसे करें। इसलिए उन्होंने दो युवकों को ही बैठाकर फोटो करवाकर भेज दी। मजेदार बात यह है कि कई थानों के कर्मचारियों को यह बात पता चल गई, लेकिन मैडम जी आज तक अंजान हैं। बस इसी बात पर सब थानाध्यक्ष से बोल रहे हैं, भाई आपने तो कमाल ही कर दिया।

बदली हवलदारों की चाल

राजधानी दिल्ली के थानों में इन दिनों हवलदारों की चाल बदली हुई नजर आ रही है। उनकी आंखों में सपने तो दिख ही रहे हैं, वे अपने साथियों को ईमानदारी और मेहनत का पाठ भी पढ़ाते हुए दिख रहे हैं। थानों का ये बदला हुआ नजारा देखकर अच्छा तो लग रहा था, लेकिन माजरा समझ नहीं आ रहा था। इसी बीच अब पता चला है कि सीपी साहब की सिपाहियों और हवलदारों पर नजरें इनायत होने जा रही हैं।

दरअसल, अब वह सिपाहियों और हवलदारों को भी पदोन्नति देने पर विचार कर रहे हैं। निश्चित समय के बाद इनके पे स्केल में तो वृद्धि की जाती है, लेकिन पदोन्नति नहीं दी जाती है। ऐसे में पुलिस आयुक्त एस.एन. श्रीवास्तव ने यदि इस चर्चा को हकीकत में बदला तो 15 से 20 साल से एएसआइ का पे स्केल पा रहे हवलदार विवेचना अधिकारी और ड्यूटी अफसर की जिम्मेदारी निभाते दिखाई देंगे।

झपटमार नही ढूंढे तो विजिलेंस आ जाएगी

राजधानी के थानों में इन दिनों नजारा बदला हुआ दिखाई दे रहा है। चोरी, झपटमारी को लेकर आने वाली हर पीसीआर कॉल पर न सिर्फ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है, बल्कि थानाध्यक्ष झपटमारों की तलाश भी कर रहे हैं। पुलिस की बदली हुई इस कार्यशैली को देखकर शिकायतकर्ता भी इन दिनोंे हैरान नजर आ रहे हैं। पुलिस महकमे में अचानक आए इस बदलाव की जब पड़ताल की गई तो पता चला कि पुलिस आयुक्त एस. एन. श्रीवास्तव ने इन दिनों थानाध्यक्षों के पीछे विजिलेंस को लगा दिया है।

विजिलेंस अधिकारी पीसीआर कॉल पर मिली झपटमारी, चोरी की शिकायतों पर हुई कार्रवाई का ब्योरा मांग रहे हैं। मजेदार बात ये है कि अधिकारी पीड़ित को कॉल करके खुद ये पता कर रहे हैं कि थानाध्यक्ष ने जो रिपोर्ट दी है, वह सही है कि नहीं। ऐसे में अब थानाध्यक्ष भी कह रहे हैं, झपटमार नहीं ढूंढे तो विजिलेंस आ जाएगी।

सिक्योरिटी यूनिट के जवानों को मिली खुशी

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित अन्य वीवीआइपी को सुरक्षा प्रदान करने वाली दिल्ली पुलिस की सिक्योरिटी यूनिट के जवानों में इन दिनों अलग ही खुशी दिखाई दे रही है। दरअसल, कई साल बाद उन्हें स्थायी ठिकाना मिलने जा रहा है। अब तक यह यूनिट किराये के भवन से अपना काम चला रही थी। सबसे पहले फरीदकोट हाउस के पास सिक्योरिटी यूनिट का ऑफिस बनाया गया था। 1993 से यह दफ्तर चाणक्यपुरी स्थित अशोका लाइन में चल रहा है।

आइबी मुख्यालय के पास अब सिक्योरिटी यूनिट का सात मंजिल का मुख्यालय बनाया जा रहा है। इसका निर्माण नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन द्वारा कराया जा रहा है। इस दफ्तर में सिक्योरिटी यूनिट को हर तरह की सुविधाएं मिलेंगी। इसके दिसंबर या जनवरी तक बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है, पर इस यूनिट के जवानों में अभी से ही खुशी है। वे कह रहे हैं कि चलो अब अपना भी स्थायी ठिकाना मिल जाएगा।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.