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Kisan Andolan: आखिर क्यों खत्म होते-होते रह गया किसान आंदोलन, जानिए कहां अटका पेंच

दिल्ली के बॉर्डर पर लंबे समय से किसान आंदोलन अब समाप्त होने की ओर है। संयुक्त किसान मोर्चा की मंगलवार को हो रही बैठक से इस बात की जानकारी मिल रही है। किसान नेता बैठक में आंदोलन खत्म करने पर विचार कर रहे हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 06:22 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 07:34 PM (IST)
Kisan Andolan: आखिर क्यों खत्म होते-होते रह गया किसान आंदोलन, जानिए कहां अटका पेंच
उम्मीद की जा रही है कि किसान आंदेालन बुधवार को खत्म हो सकता है।

नई दिल्ली/सोनीपत, आनलाइन डेस्क। Kisan Andolan: दिल्ली-यूपी और हरियाणा के लाखों लोगों को जल्द ही किसान आंदोलन से एक अच्छी खबर मिल सकती है। इस कारण है दिल्ली के बॉर्डर पर लंबे समय से किसान आंदोलन अब समाप्त होने की ओर है। संयुक्त किसान मोर्चा की मंगलवार को हो रही बैठक से इस बात की जानकारी मिल रही है। किसान नेता बैठक में आंदोलन खत्म करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि मंगलवार को आंदोलन खत्म करने की घोषणा होते होते रह गई। अब उम्मीद की जा रही है कि यह बुधवार को खत्म हो सकता है।

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क्यों खत्म हो रहा आंदोलन

बता दें कि किसान आंदोलन की सबसे बड़ी मांग तीनों नए कृषि को रद करने की थी जिसे सरकार ने मान ली। केंद्र की मोदी सरकार ने कृषि कानून को रद कर दिया है। अब इसके बाद किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने की मांग पर सरकार ने कमेटी बना कर बात करने का सुझाव दिया है। इसके बाद किसानों ने इसे मान कर पांच सदस्यीय कमेटी बना ली। वहीं, किसानों की एक और मांग थी कि सरकार किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस ले ले। इस पर भी सरकार ने सहमति जता दी है। इसलिए आंदोलन खत्म होने की घोषणा आज मंगलवार को होने वाली थी।

क्हां फंसा पेंच

सरकार ने पत्र में स्पष्ट किया कि आंदोलन वापस लेने के तत्काल बाद ही किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे। इस पर मोर्चा को संशय है और इस पर काफी देर तक मंगलवार की संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में मंथन किया गया। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि पहले सरकार मुकदमा वापस ले, क्योंकि केवल हरियाणा में ही किसानों पर 40 हजार से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। इस मुद्दे पर फिलहाल किसान जत्थेबंदियों में सहमति नहीं बनी। अंत में मोर्चा ने निर्णय लिया कि शर्त के साथ आंदोलन समाप्त नहीं किया जाएगा। इसको लेकर मोर्चा की ओर से गठित पांच सदस्यीय कमेटी सरकार के साथ वार्ता करेगी।

क्या है आगे की राह

इसके साथ ही बैठक के दौरान सरकार की ओर से दिए गए प्रस्ताव पर कुछ किसान संगठनों को कुछ आपत्ति थी, जिसे नोट करके सरकार के पास भेजा गया गया है। पांच सदस्यीय कमेटी के सदस्य युद्धवीर सिंह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कल तक सरकार की ओर से उनकी ओर से उठाए गए सवालों पर कोई न कोई स्पष्टीकरण जरूर आ जाएगा और इसके बाद ही बुधवार को दो बजे होने वाली बैठक में उस पर चर्चा के बाद कोई निर्णय लिया जाएगा।


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