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Kisan Andolan: किसानों के प्रदर्शन से गायब हो रही भीड़, एफसीआइ गोदाम के बाहर प्रदर्शन की निकल गई हवा

चार महीने से चल रहे कृषि कानून विरोधी आंदोलन के अगले चरण में संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसानों ने घोषणा की थी कि वो सोमवार को भारी पैमाने पर एफसीआइ के बाहर जमा होंगे और जाम करेंगे। मगर सोमवार की दोपहर तक किसान जमा नहीं हो पाए।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 02:34 PM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 06:45 PM (IST)
Kisan Andolan: किसानों के प्रदर्शन से गायब हो रही भीड़, एफसीआइ गोदाम के बाहर प्रदर्शन की निकल गई हवा
दिल्ली गुरुग्राम एक्सप्रेस वे की सर्विस लेन स्थित सेक्टर 18 खाद्य सुरक्षा संस्थान के बाहर कुछ किसान नजर आए।

जागरण संवाददाता, दिल्ली/सोनीपत। चार महीने से चल रहे कृषि कानून विरोधी आंदोलन के अगले चरण में संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसानों ने घोषणा की थी कि वो सोमवार को भारी पैमाने पर एफसीआइ के बाहर जमा होंगे और जाम करेंगे। मगर सोमवार की दोपहर तक किसान जमा नहीं हो पाए।

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मात्र चंद किसान ही यहां पहुंचे और बाहर बैठकर अपना विरोध दर्ज कराया। उधर किसानों की इस धमकी के मद्देनजर फरीदाबाद स्थित खाद्य संस्थान पर सुरक्षा के लिहाज से पहले ही आरएएफ की फोर्स को तैनात कर दिया गया था। दोपहर दो बजे तक यहां एक भी किसान नेता दिखाई नहीं दिए।

उधर दिल्ली गुरुग्राम एक्सप्रेस वे की सर्विस लेन स्थित सेक्टर 18 खाद्य सुरक्षा संस्थान के बाहर संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े कुछ किसान जरूर बैठे नजर आए। तीन कृषि सुधार कानून के विरोध में इनका विरोध जारी है। मालूम हो कि रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की ओर से ऐलान किया गया था कि वो सोमवार को बड़े पैमाने पर जमा होकर भारतीय खाद्य निगम के आफिसों के बाहर धरना देकर प्रदर्शन करेंगे और एनएच को भी जाम करेंगे। इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस पहले ही मुस्तैद हो गई थी।

किसान संगठनों ने कहा था कि वो एफसीआइ (भारतीय खाद्य निगम) के कार्यालयों का घेराव और 24 घंटे के लिए एक्सप्रेस-वे जाम किया जाएगा। एफसीआइ के दफ्तरों के घेराव को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने गांव-गांव घूमकर कमेटी का गठन किया था। किसान नेताओं ने ये भी कहा था कि 10 अप्रैल को हाइवे जाम किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी युवाओं पर होगी।

घेराव व जाम के दौरान प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील मोर्चा के नेता लगातार कर रहे थे। प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने खुफिया तंत्र को अलर्ट किया था। आंदोलन लगातार लंबा खिंचने और एक दिन पहले भाकियू नेता राकेश टिकैत पर अलवर में हुए हमले को देखते हुए प्रदर्शनकारी अब उग्र हो रहे थे।

हमले के तुरंत पर केजीपी-केएमपी जाम कर प्रदर्शन के बाद पुलिस-प्रशासन को भी इस तरह के इनपुट मिले हैं। इसको लेकर पुलिस ने अपने खुफिया तंत्र को अलर्ट कर आंदोलन स्थल और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय कर दिया है। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा के नेता युवाओं से बार-बार शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।

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मोर्चा के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी सहित अन्य नेताओं ने आंदोलनकारियों से शांति के साथ प्रदर्शन करने और किसी तरह के उकसावे में नहीं आने की अपील की है। चढ़ूनी ने कहा कि सरकार चाहती है कि आंदोलन उग्र हो और सरकार अपने मंसूबे में कामयाब हो। उन्होंने आंदोलनकारियों को किसी तरह के टकराव से बचने की भी अपील की है। हालांकि आंदोलनकारियों के बढ़ते गुस्से और उग्र प्रदर्शन को देखते हुए पुलस-प्रशासन अपनी तैयारी में जुटा है। खुफिया तंत्रों को अलर्ट करते हुए उनसे मिलने वाली जानकारी के आधार पर सुरक्षा के बंदोबस्त किए जा रहे हैं।

घेराव के बाद उपभोक्ता मंत्री को सौंपेंगे ज्ञापन

इससे पहले संयुक्त मोर्चा के नेता डा. दर्शनपाल ने कहा था कि 5 अप्रैल को एफसीआइ दफ्तरों के घेराव किया जाएगा। इसके लिए गांव-गांव से ट्रैक्टर लेकर लोग दफ्तर के आगे पहुंचेंगे और पूरा दिन दफ्तर के आगे धरना देकर एफसीआइ बचाओ दिवस मनाया जाएगा। साथ ही उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसमें फसल का भुगतान सीधे किसान के खाते में किए जाने का फैसला वापस लेने, फसल खरीद के समय जमाबंदी की नकल जमा करवाने की शर्त को वापस लेने की मांग करेंगे।


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