Move to Jagran APP

PM Modi के सामने 50 हजार लड़कियों के साथ आत्मरक्षा का प्रदर्शन करना चाहती हैं किरण सेठी

उम्मीद की ‘किरण’ जिनकी वजह से सैकड़ों या हजारों नहीं बल्कि लाखों लड़कियों की जिंदगी बदली हैं। वह पीएम मोदी से मिलना चाहती हैं।

By Pooja SinghEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 11:47 AM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 11:47 AM (IST)
PM Modi के सामने  50 हजार लड़कियों के साथ आत्मरक्षा का प्रदर्शन करना चाहती हैं किरण सेठी
PM Modi के सामने 50 हजार लड़कियों के साथ आत्मरक्षा का प्रदर्शन करना चाहती हैं किरण सेठी

नई दिल्ली [रीतिका मिश्र]। उम्मीद की ‘किरण’ जिनकी वजह से सैकड़ों या हजारों नहीं, बल्कि लाखों लड़कियों की जिंदगी बदली है। लेडी सिंघम और कराटे वूमेन के नाम से मशहूर दिल्ली पुलिस में कार्यरत सब इंस्पेक्टर किरण सेठी ने अपने काम के बलबूते पर न सिर्फ राजधानी में, बल्कि देश भर में अपनी अलग पहचान बनाई है। पुलिस के साथ ही सेठी का समर्पण वो भी दिव्यांग लड़कियों के लिए न सिर्फ तारीफ के काबिल है, बल्कि सीख लेने के भी लायक है।

loksabha election banner

लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज

सेठी ने दिल्ली पुलिस की ओर से आयोजित आत्मरक्षा प्रदर्शन में 10 से 15 वर्ष की पांच हजार लड़कियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देकर अपना नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज कराया है। इसके साथ ही वे पुरुषों को भी आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देती हैं। वही, सेठी अब तक अलग-अलग जगहों पर छह लाख से अधिक लड़कियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दे चुकी हैं।

ऐसे बढ़ी किरण सेठी की रुचि

सेठी बताती हैं कि स्कूल में पढ़ाई के दौरान जब जूडो में स्वर्ण पदक मिला तो इसके प्रति उनका लगाव बढ़ता गया। वैसे सेठी अकेली ऐसी महिला हैं, जिन्होंने दिल्ली पुलिस के पुरुषों को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण भी दिया है। वे बताती हैं कि दिव्यांगों को आत्मरक्षा के गुर सिखाना बहुत जरूरी है, क्योंकि कई बार दिव्यांग की ओर से अंजान व्यक्तियों से मांगी गई मदद भारी पड़ जाती है। वे बताती हैं कि वे अकेली ऐसी महिला हैं जिन्होंने 200 से अधिक दिव्यांग, मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर लोग, डॉक्टर व घरेलू सहायिका आदि को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया है।

महिलाएं खुद कर सकती हैं अपनी सुरक्षा

सेठी के अनुसार नारी अगर नारायणी है तो वह दुर्गा और काली का रूप भी धारण कर सकती है। बस जरूरत है तो उसे पहचानने की। वे कहती हैं कि महिलाएं अपनी सुरक्षा खुद कर सकती हैं। बस जरूरत है तो सही प्रशिक्षण की। इसके लिए वे महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देती हैं। उन्होंने गंदी बस्ती के लोगो को भी आत्मरक्षा के गुर सिखाए हैं। उन्होंने उन्हें पढ़ाई के लिए भी प्रेरित किया। नशा मुक्ति के लिए भी शारीरिक प्रशिक्षण देकर लोगों को नशे से मुक्ति दिलाई है। इसके साथ ही सेठी ने साल 2006 में 15 वें विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।

पदमश्री के लिए भी चयन हो चुका है नाम

उन्हे बेहतर और निष्ठापूर्ण कार्य के लिए स्वतंत्रता दिवस के दिन पुलिस पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है। सेठी 1999 में विश्व कराटे संस्थान से ब्लैक बेल्ट, वर्ष 2000 में भारत के ताइक्वांडो फेडरेशन की ओर से आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता की विजेता भी रह चुकी हैं, वहीं पदमश्री के लिए भी सेठी का नाम चयनित किया जा चुका है। सेठी लेडी सिंघम के नाम के पीछे की कहानी बताते हुए कहती हैं कि एक बार वे ऑफ ड्यूटी पर थीं तो उन्होंने आंख से दिव्यांग लड़की को गुंडों से बचाया था। इसके बाद उन्हें एक रेडियो एफएम पर साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था, जहां बातचीत के दौरान ही उनका नाम लेडी सिंघम रख दिया गया और तब से सभी उन्हें इस नाम से जानने लगे। सेठी आइवोमेन ग्लोबल अवार्ड-2019 की विजेता भी रही हैं। उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। सेठी बताती हैं कि वे अक्सर ब्यूटीशियन को बुला कर महिला पुलिस के लिए कार्यशाला कराती हैं, जिसमें वे खुद को अच्छे से संवारने की बारीकियां सीखती हैं।

किरण सेठी की ये इच्छा

किरन सेठी बताती हैं कि उनका सपना है कि प्रधानमंत्री के सामने 50 हजार लड़कियों के साथ आत्मरक्षा का प्रदर्शन करें, जिससे वे दुनिया तक यह बात पहुंचा सकें कि बेटी भी घर के बाहर अकेली निकल सकती है और जरूरत पड़ने पर परिवार के पुरुषों की मदद भी कर सकती है। 

दिल्‍ली-एनसीआर की खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्‍लिक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.