Move to Jagran APP

दिल्‍ली का एक ऐसा मार्केट जहां खरीदारी के साथ मिल रहा पर्यावरण संरक्षण का संदेश

खान मार्केट दिल्ली का यह इकलौता बाजार है, जहां 17 साल पहले प्रदूषण के खिलाफ छिड़ी जंग अब रंग दिखा रही है।

By Edited By: Published: Mon, 24 Dec 2018 10:29 PM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 03:01 PM (IST)
दिल्‍ली का एक ऐसा मार्केट जहां खरीदारी के साथ मिल रहा पर्यावरण संरक्षण का संदेश
दिल्‍ली का एक ऐसा मार्केट जहां खरीदारी के साथ मिल रहा पर्यावरण संरक्षण का संदेश

नई दिल्ली, नेमिष हेमंत। दिल्‍ली में प्रदूषण का स्‍तर काफी ज्‍यादा है। सरकार इससे बचने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रही है। राजधानी दिल्‍ली जहां एक तरफ प्रदूषण की मार झेल रही है वहीं एक ऐसा मार्केट भी है जहां आप खरीदारी करने जाएंगे तो आप पर्यावरण सरंक्षण के संदेश से रू-ब-रू होंगे। इस मार्केट सभी व्‍यापारी मिलकर इस प्रयास में हैं वह एक मिसाल कायम कर सके। आपको जान कर यह आश्‍चर्य होगा कि यह प्रयास 17 साल पहले से चल रहा, जिसमें अब सफलता मिलने लगी है।

loksabha election banner

लोगों की पसंदीदा है यह मार्केट
दिल्‍ली का खान मार्केट। जी हां दिल्‍ली के रविंद्र नगर में यह मार्केट है जो यहां के लोगों की पसंदीदा मार्केट में एक है। राजधानी में जहां सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के नियमों की अनदेखी कर पर्यावरण को पलीता लगाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ खान मार्केट पर्यावरण संरक्षण के साथ ही व्यापारियों व उपभोक्ताओं को एक सीख भी दे रहा है। दिल्ली का यह इकलौता बाजार है, जहां 17 साल पहले प्रदूषण के खिलाफ छिड़ी जंग अब रंग दिखा रही है।

बंद है पटाखों की बिक्री
यहां के व्यापारियों ने न सिर्फ पटाखों की बिक्री पूरी तरह से बंद कर दी है, बल्कि पॉलीथिन का प्रयोग भी सिर्फ जरूरी पैकिंग में ही किया जा रहा है। खान मार्केट में 150 दुकानें और 40 के करीब रेस्तरां हैं। 50 के दशक में बसे इस बाजार को दिल्ली के प्रमुख पॉश बाजारों में गिना जाता है। यहां के ग्राहकों में राजनेताओं से लेकर राजनयिक तक शामिल हैं।

2001 से छिड़ी से प्रदूषण के खिलाफ जंग
खान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव मेहरा ने बताया कि वर्ष 2001 में खान मार्केट में पटाखे नहीं बेचने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद से इस पर लगातार अमल हो रहा है। वहीं 2004 से पॉलीथिन का प्रयोग प्रतिबंधित है। अब 14 साल बाद खान मार्केट पॉलीथिन मुक्त होने के करीब पहुंच गई है। मुश्किल से 0.5 फीसद दुकानदार पॉलीथिन बैग का इस्तेमाल कर रहे हैं।

घर से थैला लाने के लिए प्रेरित कर रहे
वह इसलिए कि कुछ घरेलू सामान पेपर बैग में देने में परेशानी होती है। हालांकि, यह लोग भी ग्राहकों को घर से थैला लाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। खान मार्केट में ज्यादातर दुकानदार अब पेपर बैग में ही सामान दे रहे हैं। दुकानदार इसे थोक में बनवाते हैं, जिससे एक पेपर बैग की कीमत 15 से 25 पैसे तक पड़ती है।

जूट का बड़ा बैग देने की तैयारी
अगले वर्ष से खान मार्केट के ट्रेडर्स एसोसिएशन ने ग्राहकों को जूट का बड़ा बैग देने की तैयारी की है। इस बारे में ट्रेडर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी बिज गोपाल खोसला ने बताया कि यह बैग पार्किंग अटेंडेंट के पास होंगे, जो आने वाले ग्राहकों को देंगे। खरीदारी के बाद सामान गाड़ी में रखकर बैग वापस करना होगा। इससे पेपर बैग का इस्तेमाल भी कम हो जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.