व्हाट्सऐप की मदद से दिल्ली पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के चंगुल से दो किशोरियों को कराया मुक्त
एक किशोरी ने मौका पाकर अपनी सहेली को फोन कर दिया था। इसके व्हाट्सऐप की डीपी (डिस्प्ले पिक्चर) कुछ लोगों की ग्रुप फोटो थी। उसी फोटो के आधार पर पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई थी।
दिल्ली, जेएनएन। न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके के खिजराबाद से एक दंपती ने दो किशोरियों का अपहरण किया। उन्हें पंजाब के मोहाली में बंधक बनाकर रखा और एक परिचित ऑटो चालक की मदद से बेचने का प्रयास किया। आरोपित अपने नापाक मंसूबे में कामयाब होते, उससे पहले पुलिस ने एक युवक को दबोचकर किशोरियों को मुक्त करा लिया। इसमें मदद की वाट्सएप ने।
एक किशोरी ने मौका पाकर अपनी सहेली को फोन कर दिया था। इसके व्हाट्सऐप की डीपी (डिस्प्ले पिक्चर) कुछ लोगों की ग्रुप फोटो थी। उसी फोटो के आधार पर पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई थी। गिरफ्तार आरोपित की पहचान ऑटो चालक बाबू के रूप में हुई है।
आरोपित दंपती वीरू व निशा की तलाश की जा रही है। पुलिस के अनुसार, खिजराबाद निवासी दोनों किशोरियां एक सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं। गत शुक्रवार को दोनों स्कूल गई, लेकिन वापस नहीं लौटीं। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
एसीपी जगदीश यादव की देखरेख में एसएचओ इंस्पेक्टर राजेश मिश्रा, एसआइ विष्णु दत्त, कांस्टेबल राम अवतार, कुलदीप और नविंद्र कौर की टीम ने किशोरियों की तलाश शुरू की। इस बीच चंडीगढ़ से एक किशोरी की सहेली के पास मोबाइल फोन से कॉल आई। पुलिस जांच में यह नंबर किसी बाबू का निकला।
इसके व्हाट्सऐप की प्रोफाइल फोटो (डीपी) की मदद से पुलिस ने चंडीगढ़ से रविवार को बाबू को ढूंढ़ निकाला। बाबू ने पुलिस को बताया कि निशा की मां खिजराबाद में रहती है। शुक्रवार को दोनों खिजराबाद गए थे। निशा-वीरू ने ही दोनों किशोरियों का अपहरण किया और उसकी मदद से चंडीगढ़ के एक होटल में बेचने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सके। इसके बाद बाबू ने किशोरियों को मोहाली में अपने एक परिचित के घर अपनी रिश्तेदार बताकर पहुंचा दिया। पुलिस ने बाबू को गिरफ्तार कर दोनों किशोरियों को मोहाली से मुक्त कराया।