महिला के साथ दुर्व्यहार के मामले में पुलिस की लापरवाही उजागर, पीड़िता के घर के पास पुलिस बूथ को लेकर भी उठे सवाल
विवेक विहार के कस्तूरबा नगर इलाके में इंसानियत को शर्मसार करने वाली वारदात के संबंध में दिल्ली पुलिस की लापरवाही सामने आई है। पुलिस पर उदासीनता बरतने का आरोप है। पीडि़ता की छोटी बहन ने आरोप लगाया है कि इस वारदात से पहले उसके साथ आरोपितों ने मारपीट की थी।
नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। विवेक विहार के कस्तूरबा नगर इलाके में इंसानियत को शर्मसार करने वाली वारदात के संबंध में दिल्ली पुलिस की लापरवाही सामने आई है। पुलिस पर उदासीनता बरतने का आरोप है। पीडि़ता की छोटी बहन ने आरोप लगाया है कि इस वारदात से पहले उसके साथ आरोपितों ने मारपीट की थी। मामले की शिकायत लेकर गत 20 जनवरी को वह विवेक विहार थाने पहुंची थी, लेकिन पुलिस ने औपचारिकताओं के जंजाल बताकर उसे लौटा दिया था।
लड़की का कहना है कि शिकायत में आरोपितों की हर मंशा को स्पष्ट शब्दों में लिखकर दिया था। पुलिस ने अगर उनकी शिकायत पर कार्रवाई कर दी होती तो शायद बाद में उसकी बहन के साथ यह सब नहीं होता।पीडि़ता की छोटी बहन ने बताया कि वह अपने पिता के साथ घर पर रहती है। पिता लकवाग्रस्त हैं। वह ही पिता की देखभाल करने के साथ घर चलाती है। उन्होंने बताया कि आरोपित उन्हें भी लंबे वक्त से परेशान कर रहे थे। वह घर के बाहर सामान लेने जाती तो आरोपित उनके कपड़े तक फाड़ देते थे।
आरोपित लड़के छत के रास्ते घर में आकर दुष्कर्म करने की धमकी देते थे। आरोपित महिलाएं कभी भी उनके साथ मारपीट करने लगती थीं। लड़की ने बताया कि गत 19 जनवरी को आरोपित महिलाओं ने उसको बेरहमी से पीटा था। इसके अगले दिन वह 20 जनवरी को शिकायत पत्र लेकर विवेक विहार थाने पहुंची थीं। जहां से उन्हें औपचारिकताएं बताकर लौटा दिया गया। थाने के पुलिसकर्मियों ने उनसे कहा था कि पहले अपना पहचान पत्र लेकर आओ। इस शिकायत पत्र में पीडि़ता की बहन ने अपने साथ हुई आपबीती के अलावा यहां तक जिक्र किया था कि आरोपित उनके घर में रिश्तेदारों को नहीं आने देते।
स्पष्ट शब्दों में लिखा था कि वह डर-डर के घर में रह रही है। पुलिस से सहायता की गुहार लगाते हुए आरोपितों पर कार्रवाई की मांग की थी। यहां तक कि इस शिकायत को लेकर फोन और वाट्सएप संदेश के माध्यम से शाहदरा के डीसीपी आर सत्यसुंदरम से संपर्क साधने का प्रयास किया गया। उन्हें शिकायत पत्र वाट्सएप किया गया, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
किस काम का पुलिस बूथ : कस्तूरबा नगर इलाके में पीडि़ता के घर से करीब 150 मीटर दूर मुख्य रोड पर एक पुलिस बूथ है। पीडि़ता की बहन ने पुलिस बूथ को लेकर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि जब उनकी बहन के साथ सार्वजनिक रूप से दुर्व्यवहार हो रहा था तो इस बूथ के पुलिसकर्मी कहां थे। इतना शोर होने पर भी वह क्यों नहीं पहुंचे।
घर के बाहर नाममात्र की सुरक्षा :पुलिस ने पीडि़ता के घर के बाहर नाममात्र के लिए सुरक्षा दी है। शुक्रवार को तीन पुलिसकर्मी कुर्सी गली के कोने पर लगाकर पीडि़ता के घर की तरफ पीठ करके बैठे रहे। पीडि़ता के घर लोग बेरोकटोक आते रहे। इन पुलिसकर्मियों ने किसी से यह तक नहीं पूछा कि वह कौन हैं और किस काम से आए हैं। इसके अलावा पीडि़ता के घर तक पहुंचने के लिए दूसरी भी गलियां हैं, वहां पर पुलिस की तैनाती नहीं है।
पीडि़ता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयान : पीडि़ता के साथ जो हुआ, उससे वह सदमे में है और डरी हुई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान देने के बाद उन्होंने अपने घर जाने से इन्कार कर दिया। इस कारण उनको शेल्टर होम भेजा गया है। वहां उनकी महिला आयोग की तरफ से काउंसलिंग कराई जा रही है।