दिल्ली : अवैध शराब के तस्करों का अड्डा बन चुका है कस्तूरबा नगर
कस्तूरबा नगर में अवैध शराब के तस्करों का अड्डा बन चुका है। यहां अकेले जाना पुलिसकर्मियों के लिए भी सुरक्षित नहीं है। यही वजह है कि यहां छोटी घटना या वारदात में भी पुलिस बल को बुलाना पड़ता है।
नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। कस्तूरबा नगर में अवैध शराब के तस्करों का अड्डा बन चुका है। यहां अकेले जाना पुलिसकर्मियों के लिए भी सुरक्षित नहीं है। यही वजह है कि यहां छोटी घटना या वारदात में भी पुलिस बल को बुलाना पड़ता है। दरअसल यहां के पुरुष उप्र, राजस्थान और हरियाणा से देसी शराब की तस्करी करते हैं। इसके बाद महिलाएं अपने घरों में बैठकर इसकी बिक्री करती हैं।
हो चुकी है पुलिस वाले की हत्या
पुलिस अगर दबिश देती है तो महिलाएं आ जाती हैं और उन पर झूठी शिकायतें भी देने लगती हैं। इस वजह से पुलिसकर्मी भी यहां सहमे हुए रहते हैं। मई, 2019 में कस्तूरबा नगर में पुलिस बूथ के पास दिल्ली पुलिस के एसआइ राजकुमार की हत्या की गई थी। उनके परिवार ने आरोप लगाया था अवैध शराब बेचने का विरोध करने पर बदमाश ने उनकी हत्या की है।
हमेशा से पुलिस के रही है चुनौती
राजकुमार अपनी पत्नी व दो बेटियों के साथ कस्तूरबा नगर में रहते थे। जिस वक्त उनकी हत्या हुई थी, तब भी लोगों ने सड़क पर खड़े होकर तमाशा देखा। राजकुमार के घर से कुछ ही दूरी पर ढाई साल बाद फिर से अवैध शराब बेचने वालों ने एक महिला के साथ घिनौनी वारदात की। कस्तूरबा नगर में होने वाली वारदात ने हमेशा पुलिस की साख पर सवाल उठाएं हैं। जिस क्षेत्र में पीड़िता के साथ वारदात हुई, उस इलाके की थानाध्यक्ष भी एक महिला हैं। कस्तूरबा नगर अवैध शराब का ऐसा गढ़ है, जिसे पुलिस कभी खत्म नहीं कर सकी।
आरोपितों के खिलाफ दर्ज हैं कई केस
आरोपित परिवार की महिला व पुरुषों के खिलाफ शराब व मादक पदार्थ की तस्करी के कई केस दर्ज हैं। पुलिस आरोपितों की आपराधिक कुंडली को भी खंगाल रही है।
पीड़िता व परिवार को मिली पुलिस सुरक्षा
पीड़िता व उसके परिवार को दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा दे दी है। कई पुलिसकर्मियों को उनके घर के बाहर तैनात किया गया है। बृहस्पतिवार शाम जिला पुलिस उपायुक्त आर सत्यसुंदरम ने पीड़िता के घर जाकर परिवार से मुलाकात की। उन्होंने भरोसा दिया कि पुलिस उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखेगी। वारदात में शामिल किसी भी आरोपित को बख्शा नहीं जाएगा।
हर गली में बनाएं पिकेट
वेद भूषण दिल्ली पुलिस के सेवानिवृत्त एसीपी वेद भूषण कहते हैं कि राजधानी में कस्तूरबा नगर के साथ जहांगीरपुरी और मंगोलपुरी में भी अवैध शराब बेचने वालों के अड्डे हैं। कस्तूरबा नगर में अगर कानून-व्यवस्था का राज स्थापित करना है तो सबसे पहले इसकी सभी गलियों पर पिकेट लगाई जाएं। इन पर 24 घंटे पुलिसकर्मियों की तैनाती हो। अगर ऐसा किया जाए तो शराब की खरीद-बिक्री करने वालों पर अंकुश लग सकता है। लेकिन दिक्कत यह है कि थानों में तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या कम है। इस वजह से ऐसा कर पाना मुश्किल है।