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Delhi Bus Purchase Case: कैलाश गहलोत ने विजेंद्र गुप्ता पर दायर किया 5 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा

कैलाश गहलोत का आरोप है कि गुप्ता ने इंटरनेट मीडिया पर मानहानि सामग्री प्रसारित की। उसमें परिवहन मंत्री द्वारा 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद के साथ-साथ लो फ्लोर बसों के रखरखाव के लिए भ्रष्टाचार और घोटाले का आरोप लगाया गया और गलत जानकारी दी गई।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 27 Aug 2021 08:44 AM (IST)Updated: Fri, 27 Aug 2021 08:44 AM (IST)
Delhi Bus Purchase Case: कैलाश गहलोत ने विजेंद्र गुप्ता पर दायर किया 5 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा
Delhi Bus Purchase Case: कैलाश गहलोत ने विजेंद्र गुप्ता पर दायर किया 5 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने लो फ्लोर बसों की खरीद मामले में भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ पांच करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया है। गहलोत ने गुप्ता के खिलाफ आपराधिक और सिविल मानहानि का मुकदमा दायर किया है। विजेंद्र गुप्ता पर जानबूझ कर बदनाम करने, दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों की पूर्ति के लिए और इसके जरिये राजनीतिक लाभ हासिल करने को लेकर एक आपराधिक शिकायत भी दर्ज कराई गई है। गहलोत ने हाई कोर्ट से विजेंद्र गुप्ता के साथ-साथ ट्विटर और फेसबुक से भी मानहानि से जुड़े सभी कंटेंट अपने प्लेटफार्म से हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।

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कैलाश गहलोत का आरोप है कि गुप्ता ने इंटरनेट मीडिया पर मानहानि सामग्री प्रसारित की। उसमें परिवहन मंत्री द्वारा 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद के साथ-साथ लो फ्लोर बसों के रखरखाव के लिए भ्रष्टाचार और घोटाले का आरोप लगाया गया। मुकदमे में कहा गया है कि गुप्ता द्वारा जानबूझकर राजनीतिक लाभ और द्वेष की भावना से परिवहन मंत्री को भ्रष्ट और खुली लूट में शामिल कहा गया है।

सच्चाई दबाने की हो रही कोशिश, बसों की खरीद प्रक्रिया में गड़बड़ी के लिए परिवहन मंत्री जिम्मेदार: गुप्ता

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व रोहिणी के विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा है कि सच्चाई दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि कैलाश गहलोत दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) बोर्ड के चेयरमैन भी हैं, इसलिए लो फ्लोर बसों की खरीद प्रक्रिया में गड़बड़ी के लिए वह पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट में भी बसों के रखरखाव के टेंडर में नियमों की अनदेखी की बात है। समिति ने टेंडर रद करने की सिराफिरश की है। अब उपराज्यपाल ने इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी है, जिससे मंत्री घबरा गए हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार की इस तरह की कार्रवाई से वह डरने वाले नहीं है। भ्रष्टाचार के खिलाफ वह आवाज उठाते रहेंगे।


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