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JNU Students Protest: दिल्ली पुलिस की स्ट्रैटिजी के आगे JNU छात्रों की एक न चली

पुलिस ने रणनीति अपनाते हुए ऑडिटोरियम के बाहर मौजूद प्रदर्शनकारी छात्रों को हटाया और रस्सी का सहारा लेते हुए शाम 4.15 बजे एचआरडी मंत्री और कुलपति को कार से निकलवाया।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 09:12 PM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 09:12 PM (IST)
JNU Students Protest: दिल्ली पुलिस की स्ट्रैटिजी के आगे JNU छात्रों की एक न चली
JNU Students Protest: दिल्ली पुलिस की स्ट्रैटिजी के आगे JNU छात्रों की एक न चली

नई दिल्ली [राहुल मानव]। विश्वविद्यालय के छात्रों ने छात्रावास की फीस बढ़ोतरी और इसके नए नियमों को लागू करने के खिलाफ रविवार को ही एलान कर दिया था कि वह दीक्षा समारोह स्थल पर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। पुलिस ने भी पूरी मुस्तैदी के साथ योजना तैयार की थी।

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पुलिस ने बेरिकेडिंग लगाकार एक किलोमीटर पहले छात्रों को रोका

इसके तहत सुबह 9 बजे ही एआईसीटीई के ऑडिटोरियम से करीब एक किलोमीटर पहले डीटीसी बस लगाकार और बेरिकेड लगाकार छात्रों को दीक्षा समारोह स्थल पर जाने से रोके रखा। करीब 11.15 बजे उपराष्ट्रपति समारोह स्थल से निकल चुके थे। इसके बाद छात्र नेल्सन मंडेला मार्ग पर स्थित डीएलएफ मॉल की सड़क से एआईसीटीई के ऑडिटोरियम के पास जाने लगे। 11.30 बजे तक ऑडिटोरियम के मुख्य गेट पर छात्रों की भीड़ जुटने लगी। दोपहर 2 बजे तक भारी संख्या में छात्रों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

इसी बीच पुलिस ने छात्रों को रोकने की भी कोशिश की, लेकिन पुलिस और छात्रों के बीच तीखी नोंकझोंक होती रही। 2 से 3 बजे के दौरान छात्र संघ के प्रतिनिधियों ने एचआरडी मंत्री से ऑडिटोरियम में जाकर बातचीत की, जिसमें छात्र संघ ने दावा करते हुए कहा कि एचआरडी मंत्री ने उन्हें मौखिक रूप से हमारी मांगों के लिए आश्वासन दिया, लेकिन हमें लिखित में आश्वासन चाहिए था। इसी बीच पुलिस ने रणनीति अपनाते हुए ऑडिटोरियम के बाहर मौजूद प्रदर्शनकारी छात्रों को हटाया और रस्सी का सहारा लेते हुए शाम 4.15 बजे एचआरडी मंत्री और कुलपति को कार से निकलवाया। 

कुलपति ने छात्रावास की फीस बढ़ोतरी पर एचआरडी मंत्री को दी जानकारी

एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कुलपति प्रो एम.जगदीश कुमार से छात्रावास की फीस बढ़ोतरी और छात्रावास के नियमों को लेकर जानकारी मांगी। जिसमें कुलपति ने बताया कि पिछले कई वर्षों से छात्रावास की महज 10 रुपये प्रति महीने फीस थी, जिसे 300 रुपये कर दिया गया। साथ ही जेएनयू के छात्र छात्रावास में हिटर का भी इस्तेमाल करते हैं और कई बार यह भी बातें सामने आई हैं कि हिटर लगातार चलता रहता है। साथ ही छात्रावास में बिजली-पानी के बिल को भी देना का नियम अनिवार्य किया गया क्योंकि हर साल रखरखाव का खर्च और बिजली पानी के बिल को मिलाकर कुल 10 करोड़ रुपये जेएनयू प्रशासन की तरफ से दिए जाते हैं। यह राशि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से जेएनयू को नहीं मिलता है। जेएनयू खुद ही इसे चुकाता है। साथ ही पिछले 14 वर्षों से छात्रावास के नियमों के बदला नहीं गया था। 

संयम बरते हुए पूरी व्यवस्था के साथ छात्रों को नियंत्रित किया गया

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मंदीप सिंह रंधावा ने छात्र संघ के मारपीट के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि किसी भी छात्र को दंडा नहीं लगा है। ना ही चोटें आई हैं। पूरे पेशेवर तरीके से छात्रों को नियंत्रित किया गया। पुलिस एवं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की सात कंपनियां तैनात थी। 


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