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JNU ने दिया सकारात्मकता से कोरोना को हराने का 'गुरूमंत्र', आनलाइन काउंसलिंग सेशन का आयोजन

कुलपति ने कहा कि मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। डीन आफ स्टूडेंट प्रो सुधीर प्रताप सिंह ने कहा कि सकारात्मक सोच के बगैर कोरोना को नहीं हरा सकते। और ये सकारात्मक सोच तब विकसित होगी जब अपने एवं अपने सिस्टम के ऊपर विश्वास करेंगे।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 10:16 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 10:16 PM (IST)
JNU ने दिया सकारात्मकता से कोरोना को हराने का 'गुरूमंत्र', आनलाइन काउंसलिंग सेशन का आयोजन
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) कुलपति प्रो एम जगदेश कुमार

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने शनिवार शाम एक आनलाइन काउंसलिंग सेशन आयोजित किया। जिसे जेएनयू कुलपति प्रो एम जगदेश कुमार, डीन आफ स्टूडेंट प्रो सुधीर प्रताप सिंह, रेक्टर प्रो राणा सिंह, क्लीनिकल साइकोलाजिस्ट राब्या खातून, जेएनयू की वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डा फौजिया फिरदौस ने संबोधित किया। कुलपति ने कहा कि विगत कई महीनों से पूरा देश कोरोना से जूझ रहा है। रोजी रोटी पर असर पड़ा है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रत्येक व्यक्ति कोरोना से प्रभावित है। इन परिस्थितियों में तीन तरह के लोग दिखाई देते हैं। पहले वो जो पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। दूसरे वो जो कोरोना संक्रमित है और तीसरे वो जो संक्रमण से उबर चुके हैं।

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कुलपति ने कहा कि चिंता, अनिद्रा, अवसाद से सभी गुजरे हैं। चूंकि हम परेशान करने वाली तस्वीरें, खबरें देखते पढ़ते हैं। ऐसे में जो स्वस्थ्य हैं, उन्हें भी कोरोना संक्रमित होने का डर सताता रहता है। इस विषम परिस्थिति में जरूरी है कि अपने ऊपर भरोसा रखा जाए एवं दूसरों की मदद की जाए। एक दूसरे की मदद से ही भावनात्मक रूप से व्यक्ति मजबूत रहते हुए कोरोना से लड़ सकता है। सकारात्मक रहना बहुत जरूरी है।

कुलपति ने कहा कि मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। डीन आफ स्टूडेंट प्रो सुधीर प्रताप सिंह ने कहा कि सकारात्मक सोच के बगैर कोरोना को नहीं हरा सकते। और ये सकारात्मक सोच तब विकसित होगी जब अपने एवं अपने सिस्टम के ऊपर विश्वास करेंगे। अपना उदाहरण देते हुए प्रो सुधीर ने कहा कि कोरोना संक्रमित होने पर अस्पताल भर्ती होना पड़ा। लेकिन चार घंटे तक आक्सीजन नहीं मिला जबकि भर्ती ही आक्सीजन लेवल गिरने की वजह से होना पड़ा था। बकौल प्रो सुधीर प्रताप सिंह इस दौरान उन्होने संयम से काम लिया। क्लीनिकल साइकोलाजिस्ट राब्या खातून ने विस्तार से मानसिक स्वास्थ्य पर बातचीत की। छात्रों को सलाह दी कि जब भी परेशान हो तो जिंदगी के खुशहाल पक्ष को याद करें। साइकोलाजिकल मैनेजमेंट के बारे में बताया। साथ ही नकारात्मक विचारों को दूर करने के कई तरीके भी बताए।

कोविड-19 रिस्पांस टीम सदस्यों की संख्या बढ़ी

जेएनयू ने परिसर में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए कोरोना रिस्पांस टीम गठित की थी। टीम में आठ सदस्यों की संख्या बढ़ा दी गई है। अब कोरोना रिस्पांस टीम में 18 सदस्य हो गए हैं। कुलसचिव को टीम का नेतृत्व सौंपा गया है। इसके अलावा 16 सदस्य हैं एवं डिप्टी रजिस्ट्रार को मेंबर सेके्रटरी बनाया गया है।

विंटर सेमेस्टर के लिए सोमवार से पंजीकरण

जेएनयू प्रशासन ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 के तहत दाखिला लेने वाले नए छात्रों का विंटर सेमेस्टर के लिए पंजीकरण सोमवार से प्रारंभ होगा। पंजीकरण प्रक्रिया पूरी तरह आनलाइन होगी। जेएनयू प्रशासन ने बताया कि 26 मई तक पंजीकरण होंगे। कोरोना महामारी को देखते हुए छात्रों का पंजीकरण भी प्रोविजनल ही होगा। यदि कोई छात्र पंजीकरण प्रक्रिया में भाग नहीं ले पाता है तो उसे दोबारा मौका दिया जाएगा।


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