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सेमेस्टर परीक्षा में ना बैठने पर छात्रों की खत्म हो जाएगी छात्रवृत्ति - जेएनयू प्रशासन

प्रशासन ने छात्रों को चेतावनी दी है अगर वह अकादमिक नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उनकी छात्रवृत्ति खत्म हो जाएगी साथ ही उनका जेएनयू की नामांकन सूची से नाम भी हटा दिया जाएगा।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 09:30 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 09:30 PM (IST)
सेमेस्टर परीक्षा में ना बैठने पर छात्रों की खत्म हो जाएगी छात्रवृत्ति - जेएनयू प्रशासन
सेमेस्टर परीक्षा में ना बैठने पर छात्रों की खत्म हो जाएगी छात्रवृत्ति - जेएनयू प्रशासन

नई दिल्ली [राहुल मानव]। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन की तरफ से मंगलवार को बयान जारी करते हुए फिर छात्रों को 12 दिसंबर से शुरू होने वाली सेमेस्टर परीक्षा में बैठने के लिए कहा गया है। प्रशासन ने यह भी छात्रों को चेतावनी दी है अगर वह जेएनयू के अकादमिक नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उनकी छात्रवृत्ति खत्म हो जाएगी, साथ ही उनका जेएनयू की नामांकन सूची से नाम भी हटा दिया जाएगा।

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इससे पहले भी जेएनयू प्रशासन ने जारी किया था सर्कुलर

इससे पहले जेएनयू प्रशासन की तरफ से 17 नवंबर, 28 नवंबर और 29 नवंबर के दिन भी इस मामले में सर्कुलर जारी करते हुए छात्रों को चेताया था। पिछले करीब एक महीने से जेएनयू में छात्रों की तरफ से छात्रावास की फीस बढ़ोतरी और इसके नए नियमों को लागू करने के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। छात्रों की मांग है कि इसे वापिस लिया जाए। प्रशासन का कहना है कि छात्रों के प्रदर्शन के कारण संस्थान में अकादमिक गतिविधियों पर भी असर पड़ रहा है।

नियमों का नहीं किया पालन तो होगी कार्रवाई

जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रो प्रमोद कुमार ने कहा कि जिन भी छात्रों ने अकादमिक गतिविधियों एवं नियमों , मानदंडों का पालन नहीं किया तोह उन पर कार्रवाई की जाएगी। विश्वविद्यालय के शैक्षणिक मानदंडों और अकादमिक कैलेंडर का पालन करना छात्रों के लिए जरूरी है। जिसके अनुसार उन्हें 12 दिसंबर से शुरू होने वाली अंतिम सेमेस्टर परीक्षा में शामिल अनिवार्य रूप से शामिल होना होगा।

31 दिसंबर है अंतिम तिथि

एमफिल-शोध प्रबंध-पीएचडी के छात्रों को अपनी थीसिस संबंधित स्कूलों (विभागों) को मूल्यांकन के लिए अनिवार्य रूप से जमा कराने होंगे। जिसकी अंतिम तिथि 31 दिसंबर है। इन तिथियों को जेएनयू की अकादमिक परिषद (एसी) व कार्यकारी परिषद (ईसी) ने तय किया है इसलिए इनमें कोई ढील नहीं दी जाएगी। अकादमिक अध्यादेश के क्लॉज-7 के मुताबिक हर एमफिल करने वाले छात्र को अपना 50 फीसद पाठ्यक्रम पूरा करना होगा। अगर ये छात्र अपने पाठ्यक्रम कार्य को पूरा करते हुए 5 सीजीपीए लाने में असफल रहते हैं तो क्लॉज-8 के अनुसार दूसरे सेमेस्टर के अंत में उनका नाम विश्वविद्यालय की नामांकन सूची से हटा दिया जाएगा। जो छात्र बीए आॅनर्स प्रोग्राम में हैं, उन्हें सभी सत्रीय परीक्षाएं देनी होंगी और अकादमिक मानदंड में निर्धारित कम से कम सीजीपीए हासिल करना होगा।

असफल होने वाले छात्र होंगे बाहर

जो छात्र ऐसा करने में असफल रहेंगे उनको विश्वविद्यालय की नामांकन सूची से हटा दिया जाएगा। साथ ही जो छात्र एमए, एमएससी पाठ्यक्रम में हैं और अकादमिक अध्यादेश के क्लॉज-9 और 11 का पालन करने में असफल रहते हैं तो उन्हें विश्वविद्यालय की नामांकन सूची से हटा दिया जाएगा।

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