राजनाथ पर सवाल उठाने वाला जवान पहुंचा हाई कोर्ट, बोला- जान को खतरा
पंकज का आरोप है कि वीडियो वायरल होने के बाद बड़े अफसरों ने उनके साथ मारपीट की। धिकारियों ने उसका फोन ले लिया। उसे परिजनों से बात नहीं करने दी गई।
नई दिल्ली [जेएनएन]। सुकमा हमले के बाद वीडियो वायरल कर गृहमंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ बयान देने वाले सीआरपीएफ जवान ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। जवान ने अदालत से अपनी जान की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए सीआरपीएफ अधिकारियों पर मारपीट का आरोप लगाया है।
न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की पीठ ने आरोपी जवान पंकज को 6 मई को समर्पण करने का निर्देश देते हुए सीआरपीएफ महानिदेशक को उसका समर्पण स्वीकार करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि महानिदेशक नियमों के अनुसार मामले में उचित कार्रवाई करें। अदालत ने जवान की सुरक्षा सुनिश्चित करने को भी कहा है।
सुकमा हमले में अपने रिश्तेदार के शहीद होने के बाद पंकज ने वीडियो के जरिए गृहमंत्री पर सवाल उठाए थे। आरोप था कि वह लोगों को गलत जानकारी दे रहे हैं। याची का आरोप है कि वीडियो वायरल होने के बाद उनके खिलाफ विभागीय जांच बिठा दी गई। उसे हिरासत में लेकर मारपीट की गई। अधिकारियों ने उसका फोन ले लिया। उसे परिजनों से बात नहीं करने दी गई।
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याची के अनुसार वह अपनी जान बचाकर भागकर आया है। याची का दावा है कि उसकी जान को खतरा है। अदालत उसकी सुरक्षा का आदेश जारी करे। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि जवान पंकज के साथ किसी ने मारपीट नहीं की।
तय नियमों के तहत विभाग मामले में सुनवाई कर रहा है। बृहस्पतिवार दोपहर पहले पंकज के अधिवक्ता ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मिलाल व न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर की थी। खडपीठ ने याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि यह गंभीर मामला है और उस पर तुरंत सुनवाई की जरूरत है। खंडपीठ के आदेश पर न्यायमूर्ति आशुतोष ने देर शाम अपने चैंबर में इस पर सुनवाई की।
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