UPSC Exam 2018 final result: जानिए- तीसरी रैंक पाने वाले जुनैद अहमद की सफलता का राज
बारहवीं में जुनैद के 60 फीसद ही अंक आए थे। उन्होंने नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में स्नातक किया।
नई दिल्ली, जेएनएन। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2018 के नतीजों की घोषणा हो गई है। इसमें जुनैद अहमद ने तीसरी रैंक हासिल की है। उन्होंने यह सिद्ध किया है कि मेहनत का न तो कोई शॉर्टकट होता है और न ही कोई विकल्प और प्रतिभा अंकों की मोहताज नहीं होती है। उन्होंने पांचवें प्रयास में यह मुकाम हासिल किया है। वह लगातार परिश्रम करते रहे और हार बिल्कुल भी नहीं मानी। इससे पहले वर्ष 2017 में उनकी 352वीं रैंक आई थी।
इसके बाद वह इंडियन रेवेन्यू सर्विस (आइआरएस) में शामिल हो गए थे। तब से वह इसी में ही प्रशिक्षण ले रहे हैं। जुनैद मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले हैं। वहीं से सेंट मैरी स्कूल से पढ़ाई की। बारहवीं में जुनैद के 60 फीसद ही अंक आए थे। उन्होंने नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में स्नातक किया। जुनैद ने कहा कि वह बेहद खुश हैं। वह अच्छी रैंक लाना चाहते थे, इसलिए 2018 में फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी। जुनैद के पिता जावेद हुसैन वकील हैं। मां आइशा रज्जा घर संभालती हैं। उनकी दो बहनें व एक छोटा भाई है। जुनैद ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी (आरसीए) से मार्गदर्शन प्राप्त किया है। वह इससे वर्ष 2015 से जुड़े हैं। जामिया की तरफ से यह को¨चग मुफ्त में दी जाती है। इसमें दाखिले के लिए हर साल कुछ शहरों में परीक्षा भी आयोजित की जाती है।
यूपीएससी के टॉप 100 में से पांच को मिली जामिया से कोचिंग
जामिया की आरसीए को सेंटर फॉर को¨चग एंड करियर प्ला¨नग संचालित करता है। जुनैद के अलावा जो चार अन्य छात्र भी यूपीएससी की टॉप 100 रैंक में शामिल हैं, उन्होंने आरसीए से कोचिंग ली है। 44वीं रैंक अयमान जमाल की है। वहीं रेनजीना मैरी वर्गीस की 49वीं, निधि सिवाच की 83वीं और हिमाद्री कौशिक की 97वीं रैंक आई है। यूपीएससी 2018 के नतीजे में आरसीए से कुल 38 छात्र सफल हुए हैं। अन्य छात्रों की 101 से 950 के बीच रैंक आई है। आरसीए के निदेशक एमएफ फारुकी ने कहा कि छात्रों के प्रदर्शन से बेहद खुश हूं। सभी ने सामाजिक आर्थिक चुनौतियां का डटकर सामना किया और उपलब्धि हासिल की है।
संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा की फाइनल परीक्षा का परिणाम शुक्रवार को घोषित कर दिया। इसमें बांबे आइआइटी से बी. टेक कनिष्क कटारिया ने टॉप किया है जबकि सृष्टि जयंत देशमुख महिलाओं में अव्वल आई हैं। वैसे ओवर ऑल में उनकी पांचवीं रैंक है।
यूपीएससी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि आयोग ने आइएएस, आइपीएस, आइएफएस जैसी सेवाओं में नियुक्ति के लिए कुल 759 (577 पुरुष तथा 182 महिला) उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश की है। अनुसूचित जाति से आने वाले कटारिया ने कंप्यूटर साइंस में बी. टेक किया है। उन्होंने वैकल्पिक विषय के रूप में गणित लिया था। महिलाओं में शीर्ष आने वाली देशमुख, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल से केमिकल इंजीनियरिंग में बी. ई हैं।सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा तीन जून 2018 को आयोजित की गई थी।
इस परीक्षा के लिए कुल 10,65,552 उम्मीदवारों ने आवेदन सौंपा था। इनमें से कुल 4,93,972 ही परीक्षा में शामिल हुए। लिखित (मुख्य) परीक्षा के लिए कुल 10,468 उम्मीदवार सफल हुए थे। यह परीक्षा सितंबर-अक्टूबर 2018 में ली गई थी। व्यक्तित्व जांच के लिए कुल 1994 उम्मीदवार चुने गए थे।