छात्रों के विरोध के चलते जामिया ने स्थगित की ऑनलाइन परीक्षा
जामिया प्रशासन ने शनिवार शाम एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि फिलहाल के लिए परीक्षा स्थगित की जा रही है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशानिर्देश मिलने का इंतजार किया जा रहा है। उसी के अनुरुप आगे परीक्षा की तारीखों का ऐलान किया जाएगा।
नई दिल्ली, संजीव कुमार मिश्र। छात्रों के भारी विरोध के चलते जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने ऑनलाइन प्रोक्टेड परीक्षा से कदम पीछे खींच लिए हैं। जामिया प्रशासन ने शनिवार शाम इस बाबत एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि, फिलहाल के लिए परीक्षा स्थगित की जा रही है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशानिर्देश मिलने का इंतजार किया जा रहा है। उसी के अनुरूप आगे परीक्षा की तारीखों का ऐलान किया जाएगा।
जामिया कुलपति ने कहा कि कई छात्र संगठनों के मातहत छात्रों की परेशानियां हमारे सामने रखी गई। ऑनलाइन प्रोक्टेड परीक्षा को लेकर छात्रों को कई तरह की दिक्कतें हैं। हमने यूजीसी को प्रोक्टेड परीक्षा से संबंधित छात्रों की समस्याओं, चिंताओं से अवगत करा दिया है। हम यूजीसी के दिशानिर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। परीक्षाएं आगे भी यूजीसी के निर्देशों के तहत ही होंगी।
अतएव निर्देश आने तक परीक्षाएं स्थगित की जाती है। कुलपति ने छात्रों को सलाह दी है कि वो ऑनलाइन कक्षाओं में उपस्थित हों और परीक्षा की तैयारी करें। जामिया 21 दिसंबर से ऑनलाइन प्रोक्टेड परीक्षा आयोजित करने वाला था। नौ दिसंबर को परीक्षा संबंधी नोटिस जारी होने के बाद छात्रों ने इंटरनेट समेत लैपटॉप, टैब ना होने सरीखी समस्याओं से विवि को अवगत कराया। शुक्रवार को छात्रों के एक दल ने जामिया विवि के बाहर प्रदर्शन भी किया। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने परीक्षा स्थगित होने पर ट्वीट किया। जिसमें उन्होने छात्रों की चिंताओं का ध्यान रखने के लिए जामिया का धन्यवाद दिया।
इन नियमों ने बढ़ाई थी छात्रों की चिंता
छात्रों को स्थायी इंटरनेट और वेबकैम की स्वयं व्यवस्था करनी थी।
स्मार्टफोन से परीक्षा की मनाही थी। छात्र सिर्फ लैपटॉप और पीसी से परीक्षा दे सकते थे।
जामिया परीक्षा की पूरी रिकार्डिंग करता।
परीक्षा पोर्टल खुलते ही वेबकैम चालू करना था। देरी होने पर परीक्षा के लिए तय समय बर्बाद होते।
कैमरा या माइक्रोफोन में रुकावट होने पर परीक्षा रद करने की बात कही गई थी।
छात्र को अकेले कमरे में परीक्षा देने की हिदायत दी गई थी। अन्य की उपस्थिति पर परीक्षा रद होने का खतरा था।
परीक्षा के दौरान दूसरा विंडो या टैब खोलने पर परीक्षा रद होने का डर था।
छात्रों को पावर बैक की खुद ही व्यवस्था करनी थी।
उत्तर पुस्तिका अपलोड करने केलिए सिर्फ 15 मिनट दिए गए थे।
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