कोरोना को हराने वालों की जिंदगी संवारेगा जामिया, ऐसे हो रही तैयारी
Delhi Coronavirus जामिया फरवरी महीने से एमबीए हास्पिटल मैनेजमेंट (अस्पताल प्रबंधन) के तहत डिग्री प्रोग्राम शुरू कर रहा है। इसके तहत ना केवल कोरोना बल्कि गंभीर बीमारियों वाले मरीजों की देखभाल कैसे की जाए पढ़ाया जाएगा। इससे सभी का फायदा होगा।
नई दिल्ली, संजीव कुमार मिश्र। भारत में एक करोड़ से अधिक लोग कोरोना को मात दे चुके हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ठीक होने के बाद भी बीमार पड़ रहे हैं। उनमें तनाव, उदासी, दर्द, थकान सरीखे लक्षण देखने को मिल रहे हैं। ऐसे पोस्ट कोविड लक्षण वाले मरीजों की देखभाल के लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने सराहनीय पहल की है। जामिया फरवरी महीने से एमबीए हास्पिटल मैनेजमेंट (अस्पताल प्रबंधन) के तहत डिग्री प्रोग्राम शुरू कर रहा है। इसके तहत ना केवल कोरोना बल्कि गंभीर बीमारियों वाले मरीजों की देखभाल कैसे की जाए, पढ़ाया जाएगा।
अस्पताल प्रबंधन विभाग
जामिया प्रशासन ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन विभाग खोलने की योजना आखिरकार धरातल पर उतर रही है। फरवरी महीने में विभाग खुल जाएगा। विभाग के तहत गंभीर रोगियों, बुजुर्गों की देखभाल पर आधारित डिग्री प्रोग्राम शुरू होगा। एमबीए इन हास्पिटल मैनेजमेंट में मरीजों की देखभाल, अस्पताल चलाने का प्रशासनिक तरीका समेत इस क्षेत्र से जुड़ी हर बारीकियां पढ़ाई जाएंगी। जामिया की मानें तो ऐसे प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ गई है जो पोस्ट कोविड मरीजों की देखभाल कर सकें।
विज्ञान स्नातक जरूरी
हास्पिटल मैनेजमेंट में दाखिले के लिए विज्ञान स्नातक होना आवश्यक है। इसके अलावा अन्य प्रोफेशनल सर्टिफिकेट कोर्स के लिए भी नियमों का पालन जरूरी रहेगा, लेकिन यदि किसी के पास विज्ञान स्नातक की डिग्री नहीं होगी तो वे रोजगारपरक कोर्स के तहत दाखिला लेकर मरीजों की देखभाल आदि की ट्रेनिंग ले सकते हैं। इससे उन्हें आगे काम मिलने में आसानी होगी।
कोरोना को लेकर जामिया की पहल
-जामिया विज्ञानियों ने कोविड-19 जांच किट तैयार की है। लार द्वारा जांच कर कोविड-19 पॉजीटिव होने की पुष्टि की जा सकती है।
-जामिया ने एक कोरोना से बचाव के लिए एक डिसइंफेक्शन टनल तैयार किया। यह सौर ऊर्जा से चलता है।
-कंप्यूटर साइंस के फैकल्टी डॉ खालिद रजा ने आंकड़ों के आधार पर काेविड-19 अनुमान व विश्लेषण आधारित स्प्रिंगर-सिंगापुर सीरिज की किताब पूरी करवाने में मदद की।
-सितंबर 2020 महीने में कोरोना काल में मानसिक स्वास्थ्य पर सामूहिक परिचर्चा के जरिए सराहनीय पहल की गई थी।
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