Move to Jagran APP

जामा मस्‍जिद : अतिक्रमण से बदसूरत हुआ इलाका, सैलानी से लेकर राहगीर सब होते हैं परेशान

जामा मस्जिद इलाका पूरी तरह से अतिक्रमण की चपेट में है। इलाके में मस्जिद के चारों ओर मुख्य मार्ग से लेकर फुटपाथ तक दुकानदारों से लेकर रेहड़ी पटरी वालों का जबरदस्त अतिक्रमण है।

By Edited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 10:12 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 03:09 PM (IST)
जामा मस्‍जिद : अतिक्रमण से बदसूरत हुआ इलाका, सैलानी से लेकर राहगीर सब होते हैं परेशान
जामा मस्‍जिद : अतिक्रमण से बदसूरत हुआ इलाका, सैलानी से लेकर राहगीर सब होते हैं परेशान

नई दिल्ली, जेएनएन। पुरानी दिल्ली का जामा मस्जिद इलाका पूरी तरह से अतिक्रमण की चपेट में है। मस्जिद के चारों ओर मुख्य मार्ग व फुटपाथ पर दुकानदारों से लेकर रेहड़ी-पटरी वालों का अतिक्रमण है। यही कारण है यहां खरीदारी करने वाले ग्राहकों के साथ पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पुरानी दिल्ली का यह इलाका घनी आबादी वाला है। यहां दिनभर स्थानीय लोगों और पर्यटकों की भी आवाजाही रहती है। सभी मार्ग अति व्यस्त रहते हैं, वहीं मुख्य मार्ग पर दुकानदारों ने दुकानों को आगे बढ़ाकर फुटपाथ पर कब्जा कर रखा है। इस कारण यहां एक बार जाम में फंस गए तो आधे से एक घंटा बर्बाद होना तय है।

loksabha election banner

जामा मस्जिद का गेट नंबर-1
जामा मस्जिद का गेट नंबर एक कस्तूरबा मार्ग पर स्थित है। पैदल व वाहन चालकों के लिए जामा मस्जिद इलाके में पहुंचने का यह मुख्य मार्ग है। इस कारण यह सबसे व्यस्त मार्गो में से एक है। सुबह से रात तक देसी व विदेशी सैलानियों के साथ स्थानीय लोगों की आवाजाही रहती है। दोनों ओर से अतिक्रमण किया हुआ है।

मुगलई व्‍यंजनों की है दुकानें
इस मार्ग पर कई मुगलई व्यंजनों की दुकानें व होटल हैं। ऐसे में होटल संचालकों के साथ दुकानदारों ने फुटपाथ को पूरी तरह से घेर रखा है। यही कारण है कि कस्तूरबा अस्पताल के आगे फुटपाथ ओझल हो जाता है, वहीं सड़क के दूसरी ओर वाहनों की पार्किंग का खेल चल रहा है। अवैध टैक्सी स्टैंड बना दिया गया है। यहां से दिल्ली दर्शन के लिए टैक्सी चलती हैं, वहीं इस मार्ग पर कुछ ऐसे वाहन भी हैं जो यहां कई साल से खड़े रहे हैं। ऐसे में यहां पीक ऑवर के अलावा दिन में भी भयंकर जाम लग जाता है। इसका खामियाजा कस्तूरबा अस्पताल के मरीजों को भी भुगतना पड़ता है।

गेट नंबर-2
जामा मस्जिद तक पहुंचने के लिए पुराना व गेट नंबर दो का मार्ग भी जबरदस्त अतिक्रमण की भेंट चढ़ा हुआ है। नहर पट्टी नाम से मशहूर इस मार्ग के बीच से एक नहर की तरह की बनावट है। इसमें कभी फव्वारा हुआ करता था। रात में यहां का नजारा मनमोहक होता था। अब यह नहर पट्टी अवैध रेहड़ी-पटरी वालों के अतिक्रमण की जद में है। अतिक्रमण करने वालों के हौसले इतने बुलंद है कि मस्जिद की सीढ़ियों से ही अतिक्रमण शुरू हो जाता है।

खाने पीने की दुकानों से भरा है पूरा रास्‍ता
पूरे रास्ते टोपी, बेल्ट व खाने-पीने समेत अन्य चीजों की दुकानें सजी हैं। इस कारण पैदल भी मस्जिद पहुंचने में यहां मशक्कत करनी पड़ती है। यहां गंदगी का आलम भी है। ऐसे में लोगों को मुंह पर कपड़ा रखकर गुजरना मजबूरी बन जाता है। इस कारण देसी व विदेशी पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

गेट नंबर-3
जामा मस्जिद का गेट नंबर तीन इस इलाके का ऐसा मार्ग है जहां अतिक्रमण का स्तर बाकी मार्गो से कम है। इस कारण यह पर्यटकों के लिए सुविधाजनक रहता है। हालांकि पीक ऑवर में यह मार्ग भी भयंकर जाम की चपेट में आ जाता है। इसके बाद पूरा इलाका जहां का तहां रुक जाता है। वैसे, यह भी अतिक्रमण से अछूता नहीं है। इसी मार्ग पर जामा मस्जिद पुलिस थाना होने के साथ अग्निश्मन विभाग है। ऐसे में यदि किसी आपात वाहन को यहां से निकलना पड़ जाए तो वह भी जाम में फंस कर रह जाएगा।

सुरक्षा की दृष्टि से भी असुरक्षित है इलाका
जामा मस्जिद का यह इलाका घनी आबादी वाला क्षेत्र है। मीना बाजार व मटिया महल बाजार होने के कारण देर रात तक यह इलाका रोशनी से सराबोर होने के साथ लोगों की चहल-पहल से गुलजार रहता है, लेकिन यदि सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाए तो यह इलाका पूरी तरह से असुरक्षित नजर आता है। इलाके में कहीं भी किसी तरह के कोई सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। ऐसे में यहां कभी भी कोई आतंकी गतिविधि को अंजाम देकर बड़ी घटना कर सकता है। आसपास के दुकानदारों ने बताया कि इलाके में न तो कहीं भी कोई पुलिसकर्मी तैनात होता है और न ही यहां मेटल डिटेक्टर की सुविधा है।

लोगों की राय
जामा मस्जिद इलाके में आने का मतलब है अधिक समय लेकर यहां आना, क्योंकि यहां हर समय भयंकर जाम की समस्या रहती है। ऐसे में यहां आने पर समय की बर्बादी भी होती है।
इम्तियाज

यह इलाका पूरी तरह से अतिक्रमण का शिकार है। सड़क पर चलने के लिए जगह नहीं है, वहीं फुटपाथ तो यहां देखने को ही नसीब नहीं होता है। ऐसे में आम नागरिक को जान जोखिम में डाल सड़क पर चलना पड़ता है।
नूर आलम  

इस इलाके में गंदगी का आलम होने के साथ बैट्री रिक्शे वालों का भी अतिक्रमण है। इतना ऐतिहासिक इलाका होने के बावजूद इलाका इस तरह की स्थिति से गुजर रहा है, जो सीधे तौर पर प्रशासन पर सवाल उठाता है।
एम ए अंसारी 

यहां पर यातायात की भारी समस्या है। इलाके में हर समय जाम की समस्या से जूझना ही पड़ता है। फुटपाथ पर चलने के लिए जगह नहीं है। ऐसे में हम लोग कहां पर चलें।
उमर

अधिकारी का पक्ष
अतिक्रमण को लेकर समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। जामा मस्जिद इलाके में पहले कई बार अभियान चलाया गया है, लेकिन फिर से रेहड़ी पटरी वाले कब्जा कर लेते हैं। इसे देखते ही जल्द इस इलाके में अतिक्रमण को लेकर अभियान चलाया जाएगा।
योगेंद्र सिंह मान, निदेशक, जनसंपर्क, उत्तरी दिल्ली नगर निगम।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.