दिल्ली का यह ढाबा लजीज व्यंजनों के लिए है मशहूर, कई नेता भी ले चुके हैं स्वाद
ढाबा संचालक कहते हैं कि वर्ष 1990 में झील चौक पर सड़क किनारे छोटे से ढाबे की शुरुआत की थी। उस समय अलग अलग व्यंजन परोसे जाते थे। जैसे कभी शाही पनीर तो कभी कढ़ाई पनीर मटर पनीर दाल तड़का छोले चावल राजमा चावल कढ़ी चावल और पुदीने की चटनी।
नई दिल्ली [पुष्पेंद्र कुमार]। स्वादिष्ट जायकों की बात हो तो सबसे पहले पुरानी दिल्ली की ही याद आती है। लेकिन स्वादिष्ट व्यंजनों के मामले में पूर्वी दिल्ली भी कम नहीं है। अगर यकीन न हो तो एक बार झील चौक स्थित जैन ढाबे का स्वाद चख कर देखें। यह ढाबा अपने लजीज जायकों के लिए मशहूर है। यहां पनीर टकाटक का स्वाद ऐसा है कि लोग दिल्ली ही नहीं आसपास के शहरों से भी खींचे चले आते हैं। यह यहां की सबसे खास रेसिपी है।
अगर चाप खाने के शौकीन हैं तो तंदूरी स्टाप चाप, चाप पुदीना, मलाई चाप, आचारी चाप, वेज अफगानी चाप का स्वाद ले सकते हैं।
31 वर्षो से जारी है स्वाद का सफर
ढाबा संचालक सुनील कुमार जैन कहते हैं कि वर्ष 1990 में उन्होंने झील चौक पर सड़क किनारे छोटे से ढाबे की शुरुआत की थी। उस समय अलग अलग व्यंजन परोसे जाते थे। जैसे कभी शाही पनीर तो कभी कढ़ाई पनीर, मटर पनीर, दाल तड़का, छोले चावल, राजमा चावल, कढ़ी चावल और पुदीने की चटनी। लोग इन जायकों को खूब पसंद करते थे। इसके अलावा गरमागरम नान, लच्छा पराठा और नौ सब्जियों वाली थाली की भी व्यवस्था थी। उनके हाथों का स्वाद लोगों को इतना भा गया कि 2002 में उन्होंने ढाबे की जगह एक दुकान खोल ली, लेकिन दुकान का नाम जैन ढाबा ही रखा। लोगों का प्यार ही है कि बीते 31 सालों से वे लोगों के बीच तरह तरह के जायके परोसते आ रहे हैं।
टकाटक बनाने की प्रक्रिया भी है खास
आप सोच रहे होंगे टकाटक..ये कैसा नाम है। दरअसल चुनिंदा मसालों और उम्दा स्वाद के कारण इसका नाम टकाटक रखा गया है। टकाटक तैयार करन के लिए तेज मसाले का उपयोग किया जाता है जो खाने में थोड़ा स्पाइसी होता है। साबुत लाल मिर्च, हल्दी, जीरा, धनिया, तेज पत्ता, काली मिर्च धूप में सुखाकर इन सभी का पाउडर तैयार किया जाता। इसके बाद बेसन का पेस्ट तैयार कर उसमें ये मसाले मिलाए जाते हैं। फिर नमक, नींबू का रस, चाट मसाला व अदरक लहसुन का पेस्ट डाला जाता है।
इन सब को अच्छी तरह मिलाने के बाद 10 मिनट तक मिश्रण को फेंटा जाता है। पनीर के छोटे-छोटे टुकड़े तैयार कर उसे बेसन के पेस्ट में डूबो दिए जाते हैं। इससे बाद लोहे की सीक में बेसन में डूबे हुए पनीर, प्याज व शिमला मिर्च को लगाकर तंदूर में पांच मिनट पकाया जाता है। फिर उसे तबे पर रखकर इमली की खटाई, पुदीने की चटनी व ड्राई फूड के साथ भूना जाता है। फिर प्लेट में प्याज, टमाटर और पुदीने की चटनी के साथ गरमागरम परोसा जाता है।
राजनेता भी ले चुके हैं स्वाद
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री डा. अशोक वालिया व मध्यप्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता सुधीर गुप्ता भी यहां पनीर टकाटक का स्वाद ले चुके हैं। आस पास के कई पार्षद व विधायक भी यहां के व्यंजनों का स्वाद लेने अक्सर आते रहते हैं।
खुद तैयार करते हैं मसाले
सुनील कहते हैं जायका कोई भी हो उसमें मसालों की भूमिका अहम है। इसलिए वे मसाला बाहर से खरीदने के बजाय खुद ही तैयार करते हैं। ताकि उसकी गुणवत्ता से कोई समझौता न हो और स्वाद बरकरार रहे। चांदनी चौक से साबुत मसाले लाकर पहले उसे अच्छी तरह धोते हैं। फिर उसे सुखा कर पीसते हैं और सही अनुपात में मिश्रण तैयार करते हैं। उम्दा मसालों और धनिया पत्ते की खुशबू से सराबोर, पुदीने की चटनी और सलाद के साथ लज्जतदार पनीर टकाटक..देखने भर से ही मन खाने को ललच उठता है।
दाम भी वाजिब
टकाटक का स्वाद लेने के लिए 200 रुपये खर्च करने होंगे। वहीं 140 रुपये में फुल प्लेट स्टाप चाप, पुदीना चाप, मलाई चाप, आचारी चाप का स्वाद ले सकते हैं।
ऐसे पहुंचे
सीलमपुर, शास्त्री पार्क व कृष्णा नगर मेट्रो स्टेशन से ई-रिक्शा के माध्यम से झील चौक आ सकते हैं।
समय
सुबह 10 से रात 11 बजे तक कभी भी यहां आ सकते हैं।