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Delhi Air Pollution: यदि स्थानीय स्रोतों से फैलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित कर लिया जाता है तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी

Delhi Air Pollution पर्यावरणविद मानते हैं कि दिल्ली में होने वाले वायु प्रदूषण में करीब 22 फीसद हिस्सेदारी औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले धुएं की है। ऐसे में मास्टर प्लान 2021 में संशोधन का दिल्ली सरकार का प्रस्ताव सर्वथा उचित था।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 12:20 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 12:32 PM (IST)
Delhi Air Pollution: यदि स्थानीय स्रोतों से फैलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित कर लिया जाता है तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी
दिल्ली में उद्योगों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने में खासी मदद मिल सकेगी

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Delhi Air Pollution राजधानी में औद्योगिक इकाइयों के कारण होने वाले प्रदूषण पर वार करने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार द्वारा मास्टर प्लान 2021 में संशोधन किया जाना स्वागतयोग्य है। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रलय से मास्टर प्लान में किए गए इस संशोधन की अधिसूचना जारी होने के बाद अब औद्योगिक क्षेत्रों में 56 सेवा उद्योग संचालित करने को स्वीकृति मिल गई है।

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जहां एक ओर औद्योगिक क्षेत्रों में अब ये सेवा उद्योग स्थापित हो सकेंगे, वहीं प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। यदि ये खुद को सेवा उद्योग में बदलते हैं तो ठीक, अन्यथा इन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के शहरों में स्थानांतरित किया जाएगा। इससे दिल्ली में उद्योगों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने में खासी मदद मिल सकेगी, जो वायु प्रदूषण से वर्ष भर परेशान रहने वाली दिल्ली और दिल्लीवासियों के लिए बड़ी राहत की बात होगी।

दिल्ली में 28 अधिकृत औद्योगिक क्षेत्र हैं, जबकि अनेक क्षेत्रों में अनधिकृत तौर पर औद्योगिक इकाइयां संचालित हो रही हैं। इनमें से अधिकतर इकाइयां विनिर्माण कार्य से जुड़ी हुई हैं, जो वायु प्रदूषण की बड़ी वजह बनती हैं। पर्यावरणविद मानते हैं कि दिल्ली में होने वाले वायु प्रदूषण में करीब 22 फीसद हिस्सेदारी औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले धुएं की है।

ऐसे में मास्टर प्लान 2021 में संशोधन का दिल्ली सरकार का प्रस्ताव सर्वथा उचित था, जिसे स्वीकार कर केंद्र सरकार ने भी पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर दिल्ली की राह दिखाई है। दिल्ली सरकार को ऐसी हर गतिविधि को सीमित करने की दिशा में पूरी इच्छाशक्ति के साथ प्रयास करने चाहिए, जिनसे राजधानी में वायु प्रदूषण होता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि यदि दिल्ली में स्थानीय स्नोतों से फैलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित कर लिया जाता है तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। सोमवार को दिल्ली का पीएम 2.5 जहां 133 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा वहीं पीएम 10 का स्तर 251 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज हुआ।

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