दिल्ली में कोरोना पीड़ित श्रमिकों को 10,000 रुपये से अधिक देने का हो सकता है एलान !
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि कोरोना संक्रमित श्रमिकों को अधिकतम दस हजार रुपये की आर्थिक मदद पर्याप्त नहीं है। पीठ ने कहा कि अगर परिवार का एक से अधिक सदस्य संक्रमित होता है यह धनराशि पर्याप्त नहीं होगी।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। क्या दिल्ली में विभिन्न जगहों पर निर्माण कार्य में जुटे लोगों को आम आदमी पार्टी सरकार कोई बड़ी राहत का एलान कर सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को योजनाओं का लाभ देने की मांग को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि कोरोना संक्रमित श्रमिकों को अधिकतम दस हजार रुपये की आर्थिक मदद पर्याप्त नहीं है। पीठ ने कहा कि अगर परिवार का एक से अधिक सदस्य संक्रमित होता है यह धनराशि पर्याप्त नहीं होगी। पीठ ने कहा कि कोरोना एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है और अगर परिवार में एक व्यक्ति संक्रमित होता है तो दूसरे के भी बीमार पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में दवा का खर्च भी बढ़ जाता है। दिल्ली सरकार के भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की तरफ से पेश हुई अधिवक्ता उर्वी मोहन को इस संबंध में निर्देश लेने का पीठ ने आदेश दिया।
मोहन ने पीठ को बताया कि संक्रमित श्रमिक को पांच हजार की मदद करने का बोर्ड ने आदेश जारी किया है और अगर परिवार का अन्य सदस्य संक्रमित होता है तो यह धनराशि बढ़ाकर अधिकतम दस हजार तक हो सकती है। वहीं पीठ ने राशि के वितरण के लिए आरटीपीसीआर की पाजिटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसकी जरूरत नहीं है।
पीठ ने कहा कि आरटीपीसीआर की जांच कराना सभी श्रमिकों के लिए संभव नहीं है और वह ऐसा करता भी है तो इसका असर उसकी आजीविका पर पड़ेगा। पीठ ने कहा अस्पताल द्वारा रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) रिपोर्ट में कोरोना संक्रमित होना सत्यापित करने को आरटीपीसीआर परीक्षण रिपोर्ट के विकल्प के रूप में भी माना जा सकता है।
भुगतान विफल होने पर ही बैंक खाते का मांगा जाएगा
विवरण नवीनतम वित्तीय सहायता योजना के तहत श्रमिकों का बैंक विवरण दोबारा से जारी करने के मामले पर पीठ ने कहा कि पंजीकरण के समय श्रमिक द्वारा बैंक खाते का विवरण प्रस्तुत किया गया होगा और दोबारा इसे देने से भ्रम की स्थिति बन सकती है। अधिवक्ता मोहन ने पीठ को बताया कि बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि भुगतान विफल होने पर ही बैंक खाते का विवरण मांगा जाएगा। पीठ ने कहा कि योजना के संबंध में सभी श्रमिकों को एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाना चाहिए और इसका लाभ उन श्रमिकों को दिया जाए जिनका पंजीकरण नवीनीकरण अभी लंबित है। पीठ ने कहा कि यह योजना उन सभी श्रमिकों और उनके आश्रितों पर लागू होनी चाहिए जो एक अप्रैल से संक्रमित हो गए थे।