Terrorist Abu Yusuf: दिल्ली-यूपी में 20 जगह धमाके करने की थी साजिश, आतंकी से पूछताछ में सनसनीखेज खुलासा
Terrorist Abu Yusuf दिल्ली-यूपी के सभी 20 स्थानों की रेकी कर ली गई थी और आतंकियों ने 30 किलो से ज्यादा विस्फोटक व बम बनाने का अन्य सामान एकत्र कर लिया था।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। Terrorist Abu Yusuf: दिल्ली और उत्तर प्रदेश में इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रॉविंस (आइएसकेपी) 20 से ज्यादा स्थानों पर धमाके करने की साजिश रच रहा था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किए गए आइएसकेपी के आतंकी मुहम्मद मुस्तकीम खान उर्फ अबू युसूफ (ISIS operative Abu Yusuf) से पूछताछ में यह बात सामने आई है। खास बात यह है कि इसके लिए इन सभी 20 स्थानों की रेकी कर ली गई थी और आतंकियों ने 30 किलो से ज्यादा विस्फोटक व बम बनाने का अन्य सामान एकत्र कर लिया था। दस साल में पहली बार दिल्ली या उत्तर प्रदेश से पकड़े गए किसी आतंकी से इतनी अधिक मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ है। मुस्तकीम को दबोचने के लिए गृह मंत्रालय ने स्पेशल सेल की पीठ थपथपाई है।
बता दें कि धौलाकुआं में बुध जयंती पार्क के पास शुक्रवार की देर रात मुठभेड़ के बाद मुस्तकीम को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद स्पेशल सेल की टीम शनिवार सुबह उसे लेकर उत्तर प्रदेश के बलरामपुर स्थित उसके घर पहुंची। यहां उसकी निशानदेही पर घर के एक कमरे से भारी मात्रा में विस्फोटक और फिदायीन हमले में इस्तेमाल होने वाली दो जैकेट और एक बेल्ट बरामद हुई। इसे मुस्तकीम ने फिदायीन हमले के लिए कुछ महीने पहले ही तैयार किया था, जिसका प्रयोग मानव बम के रूप में करके भीड़भाड़ वाले इलाकों को दहलाने के लिए करना था। दो दिनों की कार्रवाई में उसके पास से 30 किलो से अधिक विस्फोटक सामग्री मिली है। इससे 40 से 50 बम बनाए जा सकते थे। आतंकी के घर से एक इलेक्ट्रानिक गजट सहित मानव बम बनाने वाली अन्य सामग्री भी बरामद हुई है।
धमाकों के बाद खुरासन भागने की थी तैयारी
आतंकी से पूछताछ में हुए खुलासे से स्पेशल सेल व यूपी एसटीएफ सहित तमाम सुरक्षा एजेंसियां हैरान हैं। पूछताछ में उसने बताया है कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भीड़भाड़ वाले करीब 20 स्थानों पर धमाकों की तैयारी कर ली गई थी। रेकी में ऐसे स्थानों को चिह्नित किया गया था, जहां ज्यादा से ज्यादा जानमाल का नुकसान हो सके। साजिश को अंजाम देने के बाद उससे खुरासान (अफगानिस्तान) भाग जाने के लिए कहा गया था। वहां सबसे अच्छे आतंकी कैंप में उसे प्रशिक्षण दिया जाना था। दरअसल आतंकी संगठन चाहता था कि इस बीच एक तरफ जहां दंगे की जांच कुछ सुस्त पड़ जाएगी। वहीं दोबारा बड़े हमले की साजिश रच ली जाएगी।
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