सोलर ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देगा इंटरनेशनल सोलर एलायंस
आइएसए के सदस्य देशों की संख्या फिलहाल 90 है। सभी को देशों से कहा जाएगा कि वे पालिसी बनाकर बनाकर बताएं कि किस प्रकार सोलर ग्रीन हाइड्रोजन के ऊपर काम करेंगे। अपने देश के उद्यमियों से लेकर आम लोगों को इस बारे में कैसे जागरूक करेंगे।
गुरुग्राम (आदित्य राज)। पूरी दुनिया में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए गठित इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आइएसए) सोलर ग्रीन हाइड्रोजन को भी बढ़ावा देगा। इसके लिए जल्द ही सभी सदस्य देशों से पालिसी बनाने के लिए कहा जाएगा। आइएसए का मानना है कि आने वाला समय ग्रीन हाइड्रोजन का है। कारों से लेकर औद्योगिक इकाइयों में इसका इस्तेमाल बढ़ेगा।
आइएसए के सदस्य देशों की संख्या फिलहाल 90 है। सभी को देशों से कहा जाएगा कि वे पालिसी बनाकर बनाकर बताएं कि किस प्रकार सोलर ग्रीन हाइड्रोजन के ऊपर काम करेंगे। अपने देश के उद्यमियों से लेकर आम लोगों को इस बारे में कैसे जागरूक करेंगे। इस महीने के भीतर सभी देशों को पालिसी बनाने के लिए पत्र भेजने की कार्यवाही पूरी कर ली जाएगी।
आइएसए का मानना है कि हाड्रोजन मिश्रित सीएनजी से प्रदूषण काफी कम होगा। सीएनजी में केवल 15 फीसद ही हाइड्रोजन मिलाने से काफी फर्क पड़ेगा। इधर, ग्रीन फ्यूल को बढ़ावा देने को लेकर भारत सरकार ने प्रयास तेज कर दिया है। हाइड्रोजन मिश्रित सीएनजी के लिए स्टेकहोल्डर्स से सुझाव मांगे गए हैं। बता दें कि आइएसए के दायरे में 121 देश आते हैं। प्रयास किया जाएगा कि सभी देश सोलर ग्रीन हाड्रोजन को लेकर पालिसी बनाएं। इससे पूरी दुनिया में ग्रीन हाइड्राेजन के ऊपर काम तेजी से होगा। वैसे भारत सहित कई देशों ने अपने स्तर पर ही इस दिशा में प्रयास तेज कर दिया है।
आइएसए का प्रयास है कि पूरी दुनिया में सोलर एनर्जी का इस्तेमाल बढ़े। इसी दिशा में सोलर ग्रीन हाइड्रोजन पालिसी बनाने के लिए सदस्य देशों से कहा जाएगा। पानी से हाइड्रोजन को अलग करने में सोलर एनर्जी का यदि इस्तेमाल किया जाएगा तो खर्चा काफी कम आएगा। इसे ध्यान में रखकर ही सोलर ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है।
उपेंद्र त्रिपाठी, महानिदेशक, अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन