किराड़ी है या खाड़ी, जो पकड़ में नहीं आ रही जलभराव की नाड़ी
किराड़ी विधानसभा क्षेत्र की गलियों में लंबे समय से जलभराव की वजह से बच्चे व बुजुर्ग घरों में कैद होकर रह गए हैं। अगर बच्चे व बुजुर्ग घर से निकलने की कोशिश करते हैं तो सड़कों के गड्ढों में फिसलकर चोटिल हो जाते हैं।
नई दिल्ली [सोनू राणा]। किराड़ी विधानसभा क्षेत्र में ऐसे तो समस्याओं की भरमार है, लेकिन जलभराव सबसे गंभीर समस्या है। यहां एक दो महीने से नहीं वर्षों से जलभराव की समस्या है। लेकिन अभी तक जलभराव की समस्या का समाधान नहीं किया गया है। विधानसभा क्षेत्र की कुल 2820 एकड़ जमीन पर 2076 एकड़ जमीन पर 106 अनधिकृत कालोनियां काट दी गई हैं। जिनमें न तो सीवरेज का ध्यान रखा गया और न ही जल निकासी का। पूरे विधानसभा क्षेत्र में तीन गांव हैं और 106 अनधिकृत कालोनियां, जो महीनों पानी में डूबी रहती हैं।
बुनियादी सुविधा से वंचित हैं लोग
30 वर्ष से ज्यादा समय से बसी इन अनधिकृत कालोनियों के गंदे पानी की वजह से तीनों गांव के लोगों को भी बस जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है। बारिश के दौरान तो इलाके की गलियों में लोग नाव चलाते भी दिखते हैं। क्योंकि, गलियां पानी से लबालब रहती हैं। जलजमाव से विनय एनक्लेव, लक्ष्मी विहार, जनता एनक्लेव, चंदन विहार सहित कई कालोनियों प्रभावित हैं।
इस बारे में स्थानीय जनप्रतिनिधी का कहना है जल निकासी व सीवरेज की व्यवस्था न होने की वजह से लोगों के सामने परेशानी खड़ी हो रही है। फिलहाल इलाके में सीवर लाइन डालने का कार्य चल रहा है। जल निकासी के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं। जल्द ही लोगों को जलभराव की समस्या से पूरी तरह निजात मिलेगी।
इन गांवों के लोग भी हैं परेशान
- मुबारकपुर
- किराड़ी
- निठारी
सड़कों का बुरा हाल
इलाके में कोई ही गली या सड़क ऐसी होगी जो लोगों के चलने लायक हो। सड़क पर मौजूद बड़े-बड़े गड्ढों और उनमें भरे गंदे पानी में हर रोज वाहन चालक गिरकर चोटिल होते हैं। बीते छह महीने से तो लोगों का घर से निकलना ही मुश्किल हो रखा है। चालीस फुटा रोड हो या दुर्गा चौक से रेलवे फाटक तक की सड़क सबका यही हाल है। गलियों में कीचड़ पर फिसलकर भी लोग गिर जाते हैं।
यातायात पूरी तरह प्रभावित
जलभराव की वजह से सड़कों पर यातायात की आवाजाही ठप रहती है। सड़कों पर भरे दो-दो फीट पानी से गुजरते समय वाहन बीच रास्ते बंद पड़ जाते हैं। दोपहिया वाहन चालकों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। ऐसे में दफ्तर के लिए निकले लोगों को गंदे पानी में उतरना पड़ता है। जूतों में गंदा पानी घुसने की वजह से उन्हें दफ्तर जाने की बजाय घर लौटना पड़ता है।
घरों में कैद हुए बच्चे व बुजुर्ग
किराड़ी विधानसभा क्षेत्र की गलियों में लंबे समय से जलभराव की वजह से बच्चे व बुजुर्ग घरों में कैद होकर रह गए हैं। अगर बच्चे व बुजुर्ग घर से निकलने की कोशिश करते हैं तो सड़कों के गड्ढों में फिसलकर चोटिल हो जाते हैं। महीनों तक घरों से बाहर न निकल पाने की वजह से बुजुर्ग तो बीमार भी होने लगे हैं। उन्हें अस्पताल लेकर जाने में भी परेशानी होती है। अगर कोई रिश्तेदार उत्तर प्रदेश, बिहार आदि राज्य से मिलने आते हैं तो लोग उन्हें भी पड़ोसियों के घर पर रुकवाते हैं।
किराड़ी में है ‘श्रीलंका’
किराड़ी इलाके के प्रेम नगर तीन की विनय एनक्लेव कालोनी को तो लोग अब भारत का श्रीलंका कहने लगे हैं। इसका कारण यह है कि कालोनी के चारों ओर एक वर्ष से ज्यादा समय से पानी भरा हुआ है। अगर 300 मीटर दूर से कालोनी को देखे तो हर तरफ पानी ही पानी दिखाई देता है और उसके बीच में विनय एनक्लेव। इस भयावह नजारे को देखकर आसपास की कालोनियों के लोग इसे श्रीलंका कहने लगे हैं। लोगों ने खुद के पैसों से एक तरफ मलबा डलवाया है। अब लोग इसी मलबे के ऊपर से आवागमन करते हैं।
समस्या
किराड़ी विधानसभा क्षेत्र में बिना किसी प्लान के अनधिकृत कालोनियां काट दी गई हैं। छोटी-छोटी गलियों में कोई मकान कहीं बना दिया है तो कोई कहीं। लोगों ने भी सस्ते के चक्कर में प्लाट खरीदकर मकान बना लिए हैं। अब काफी गलियों में न तो सीवरेज की व्यवस्था है न रास्ते बनाए गए हैं और न ही नालियां बनाई गई हैं। इन अनधिकृत कालोनियों से जो भी पानी निकलता है उसकी निकासी के लिए कोई बड़ा नाला भी नहीं बनाया गया है। इसलिए महीनों तक पानी जमा रहता है।
समाधान
किराड़ी विधानसभा क्षेत्र में जब तक सीवरेज, जल निकासी, सड़क, गलियों व नालियों का निर्माण नहीं किया जाता, तब तक लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ेगा। इसके अलावा इलाके के पानी की निकासी के लिए बड़े नाले बनाने चाहिए। कुछ इलाकों में सीवरेज लाइन डालने का कार्य जारी है, लेकिन जब दैनिक जागरण की टीम ने विधानसभा क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों का सर्वे किया तो पाया कि अभी यह काम पूरा होने में दो से तीन वर्ष का समय लग सकता है।
क्या कहते हैं लोग
चारों तरफ जलभराव होने की वजह से सांप, बिच्छू जैसे जहरीले जानवर घरों में घुस जाते हैं। जनप्रतिनिधियों को भी पता है कि यहां लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।
शमा खान
आम दिनों में तो परेशान होती ही है, शादी विवाह जैसे समारोह में जाते समय भी उन्हीं के घर जाकर कपड़े पहनने पड़ते हैं। अब तो रिश्तेदारों को यहां बुलाने के नाम से भी शर्म आती है।
ऊषा सैनी
करीब डेढ़ वर्ष से जलभराव की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है। इसके बारे में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को सैकड़ों बार शिकायत की गई, लेकिन समाधान नहीं हुआ।
संतोष सिंह परिहार
सड़क में गड्ढों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। बारिश हो या न हो सड़क के गड्ढों में पानी भरा रहता है। लोगों का पैदल चलना तो दूर वाहनों से आवागमन भी मुश्किल होती है।
रमाकांती