दिल्ली में भी सक्रिय है बच्चा खरीद-फरोख्त का अंतरराज्यीय गिरोह, पुलिस की गिरफ्त में आई अपनी ही बच्ची को बेचने वाली मां
Child Trading in Delhi गिरफ्तार आरोपितों में एक महिला ने अपनी ही बच्ची को बेचने का सौदा किया था। उत्तरी जिला डीसीपी के मुताबिक गिरफ्तार आरोपितों के नाम प्रवीणा खातून सतीश संतोष और मधु सिंह है। प्रवीणा टीला मोड़ लोनी गाजियाबाद की रहने वाली है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्तरी जिला पुलिस ने बच्चा खरीद-फरोख्त करने के आरोप में तीन महिला समेत चार आरोपितों को गिरफ्तार कर एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने नकली ग्राहक बनकर गिरोह से एक माह की बच्ची को दो लाख रुपये में खरीदने का सौदा किया था। गिरफ्तार आरोपितों में एक महिला ने अपनी ही बच्ची को बेचने का सौदा किया था। उत्तरी जिला डीसीपी के मुताबिक गिरफ्तार आरोपितों के नाम प्रवीणा खातून, सतीश, संतोष और मधु सिंह है। प्रवीणा टीला मोड़, लोनी, गाजियाबाद की रहने वाली है। इसके खिलाफ गाजियाबाद में पहले से एक मामला दर्ज है।
राजस्थान के झुंझनू का मूल निवासी सतीश के खिलाफ भी गाजियाबाद में पहले से एक मामला दर्ज है। संतोष, दिल्ली के मंगोलपुरी, जबकि मधु ¨सह, उत्तम नगर के मोहन गार्डन की रहने वाली है। 22 जनवरी को तीस हजारी चौकी पुलिस को सूचना मिली कि प्रवीणा खातून बच्चे बेचने का काम करती है। इस पर सिपाही राकेश और अंजू ने नकली माता-पिता बनकर बच्ची को खरीदने के लिए प्रवीणा से संपर्क किया।
प्रवीणा खातून ने अपने सहयोगी सतीश से उनका परिचय कराया। दोनों ने सिपाही राकेश को बताया कि मंगोलपुरी में रहने वाली संतोष बच्चे की व्यवस्था करेगी। उसके बाद राकेश और अंजू साथी पुलिसकर्मियों के साथ गोपनीय तरीके से मंगोलपुरी पहुंचे, जहां उन्हें संतोष मिली। संतोष ने मौके पर मधु को बुला लिया।
वह बेचने के लिए अपनी एक माह की बेटी को साथ लेकर आई थी। सौदे को अंतिम रूप देने के बाद पुलिसकर्मियों ने चारों आरोपितों को बच्ची के साथ बर्फखाना, सब्जी मंडी के पास बुलाया। वहां सिपाही राकेश ने प्रवीणा को पैसों का भुगतान किया। प्रवीणा ने उस रकम में मधु, सतीश और संतोष को उनका हिस्सा दे दिया। पैसे पाने के बाद मधु सिंह ने सिपाही अंजू को बच्ची सौंप दी।
तभी राकेश से संकेत मिलने के बाद पुलिसकर्मियों ने चारों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपितों ने स्वीकार किया कि वे बच्चे बेचने-खरीदने का काम करते हैं। गरीब परिवार की महिलाओं से बच्चों को खरीदकर ये लोग उसे जरूरतमंदों को बेच देते थे। प्रवीणा और सतीश के मोबाइल फोन की जांच करने पर उसमें बच्चों की कई तस्वीरें पाई गई।