Move to Jagran APP

Lok Sabha Election 2019: पूर्वी दिल्‍ली में दिग्‍गजों के बीच घमासान, रोचक हुआ मुकाबला

भाजपा के गौतम गंभीर आप की आतिशी और कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली पूर्वी दिल्‍ली संसदीय सीट से चुनावी अखाड़े में मुकाबले के लिए तैयार हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 08 May 2019 10:32 AM (IST)Updated: Wed, 08 May 2019 10:40 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: पूर्वी दिल्‍ली में दिग्‍गजों के बीच घमासान, रोचक हुआ मुकाबला
Lok Sabha Election 2019: पूर्वी दिल्‍ली में दिग्‍गजों के बीच घमासान, रोचक हुआ मुकाबला

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। देश की राजधानी दिल्ली में पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर इस बार रोचक मुकाबला है। भाजपा ने मौजूदा सांसद महेश गिरी का टिकट काटकर क्रिकेट जगत के सितारे गौतम गंभीर को मैदान में उतारा है। वहीं आम आदमी पार्टी से आतिशी उनके सामने मैदान में हैं। कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं।

loksabha election banner

दिग्‍गजों के बीच मुकाबले के लिए प्रसिद्ध
पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट दिग्गजों के बीच मुकाबले के लिए प्रसिद्ध रही है। यहां से जहां बड़े-बड़ों ने जीत दर्ज की है वहीं उन्हें हार का भी मुंह देखना पड़ा है। कभी यहां दिल्ली के बेताज बादशाह कहे जाने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एचकेएल भगत की तूती बोलती थी। लेकिन एक बार उन्हें जनता ने नकारा तो फिर उन्हें संसद में जाने के लिए जमीन नहीं मिली।


यहां से हार के बाद नहीं मिलता दोबारा टिकट...
यह संसदीय क्षेत्र 1966 में अस्तित्व में आया था और यहां पहला चुनाव 1967 में हुआ था। इस सीट से बसपा के कांशीराम के अलावा शीला दीक्षित, पूर्व उपराज्यपाल एचएल कपूर, डॉ. एके वालिया और कांग्रेस नेता दीपचंद बंधु शामिल हैं। तीन बार यहां के सांसद रहे लाल बिहारी तिवारी भी जब एक बार हार गए तो उन्हें दोबारा टिकट नहीं मिला। शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को भी एक बार हार के बाद टिकट नहीं मिला। अपवाद सिर्फ 1977 का चुनाव है जिसमें हार के बाद भी भगत लगातार तीन बार सांसद बने।

जनता के करीब न जाने का नुकसान
जनसंघ, भारतीय लोकदल व भाजपा आठ बार तो कांग्रेस को छह बार यहां से जीत मिली है। भाजपा उम्मीदवार गौतम गंभीर को एक ओर जहां सेलेब्रेटी होने का फायदा मिल रहा है वहीं जनता के करीब नहीं जा पाने से कहीं न कहीं नुकसान भी हो रहा है। वह पैदल यात्रा के बजाए गाड़ी से रोड शो कर रहे हैं। जनसभाओं में वह सच्चे दिल से देश के लिए क्रिकेट खेलने और अब सच्चे दिल से देश के लिए राजनीति करने की बात करते हैं, जो उन्हें लोगों से जोड़ता है।

माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं लवली
कांग्रेस उम्मीदवार अरविंदर सिंह लवली को राजनीति का ऊंट किस करवट बैठ रहा है, इसे भांपने का माहिर खिलाड़ी माना जाता है। वह जिस विधानसभा क्षेत्र से लगातार चार बार चुनाव जीत कर विधायक बने, वह क्षेत्र सिख बाहुल नहीं है। फिर भी इलाके में उनकी जबरदस्त पकड़ है। वह लंबे समय तक दिल्ली में मंत्री रहे हैं। उन्‍होंने प्रदेश कांग्रेस की कमान भी संभाली है। मंत्री व प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उनकी संगठन व युवाओं में अच्छी पकड़ रही है। जिसका फायदा उन्हें चुनाव प्रचार में मिल रहा है। हालांकि, पिछले निगम चुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने की वजह से उन्हें नुकसान हुआ है। 

आप की ‘आतिशी’
आम आदमी पार्टी ने पिछले कुछ समय से दिल्ली का चुनावी समीकरण ही बदल दिया है। पिछले लोकसभा चुनाव में भले ही आप दूसरे नंबर पर रही थी लेकिन काफी अधिक वोट मिले थे। दिल्ली की आप सरकार ने शिक्षा पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया है। जिसमें सफलता भी मिली है। यहां से पार्टी ने अपनी वरिष्ठ नेता आतिशी को चुनाव मैदान में उतारा है। शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की शिक्षा सलाहकार रहते हुए उन्होंने जो कार्य किया उसे भुनाया जा रहा है। आतिशी पैदल यात्रा के माध्यम से जनता से सीधे जुड़ रही हैं। वह करीब एक साल से इस जनसंपर्क अभियान में हैं। जिससे वह लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न इलाकों का कई-कई बार चक्कर लगा चुकी हैं।

इस क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे
इस संसदीय क्षेत्र में जाम और पार्किंग प्रमुख समस्या है। लोगों की संख्या के हिसाब से सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था न होना बड़ी समस्या है। गाजीपुर लैंडफिल साइट की समस्या से बड़ी आबादी प्रभावित है। विश्वविद्यालय के भवन बनाने का काम अभी शुरुआती दौर में ही है। क्षेत्र में कोई भी स्तरीय सरकारी अस्पताल नहीं है। इलाके में गंदे पानी की आपूर्ति और सीवर जाम की समस्या बड़ी है। इलाके की अधिकतर सड़कों की स्थिति खराब है। 

दिल्ली-NCR की ताजा खबरों को पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.