माेरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के प्रशिक्षक कैदियों को कराएंगे योग
महानिदेशक ने बताया कि संस्थान की ओर से एक महीने का फाउंडेशन काेर्स कराया जाएगा। करीब 10 हजार कैदी इसका लाभ उठाएंगे। इस कार्य के लिए संस्थान ने जेलों में 20 योग प्रशिक्षक उपलब्ध कराए हैं। इनमें से कुछ चुनिंदा कैदियों को योग प्रशिक्षक का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्रा]। मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान की ओर से दिल्ली की जेलों में योग प्रशिक्षक बनने के इच्छुक कैदियों के लिए कोर्स कराया जाएगा। जेल प्रशासन व संस्थान के बीच इस संबंध में आपसी समझौता किया है। इस अवसर पर जेल महानिदेशक संदीप गोयल, संस्थान के निदेशक डा. इश्वर वी बासवरेड्डी, उप महानिरीक्षक एमटी कोम सहित अनेक अधिकारी मौजूद थे।
महानिदेशक ने बताया कि संस्थान की ओर से एक महीने का फाउंडेशन काेर्स कराया जाएगा। उम्मीद है कि करीब 10 हजार कैदी इसका लाभ उठाएंगे। इस कार्य के लिए संस्थान ने जेलों में 20 योग प्रशिक्षक उपलब्ध कराए हैं। इनमें से कुछ चुनिंदा कैदियों को योग प्रशिक्षक का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। जेल प्रशासन का कहना है कि योग के माध्यम से कैदियों के सुधार व पुनर्वास की कोशिश की जा रही है। इससे उनके भीतर शारीरिक व मानसिक सुधार भी होगा।
महानिदेशक के समक्ष जेलकर्मियों ने रखी बात
वहीं, पश्चिमी दिल्ली के सुकेश चंद्रशेखर मामले में रोहिणी में तैनात जेलकर्मियों को कार्रवाई की आशंकाओं के बीच महानिदेशक ने संपर्क सभा में जेलकर्मियों से बात की। महानिदेशक संदीप गोयल ने जेलकर्मियों को इस बात का आश्वासन दिया कि किसी भी जेलकर्मी से कोई भी एजेंसी तब तक पूछताछ नहीं कर सकती, जब तक कि उनके पास कोई ठोस सबूत न हो। महानिदेशक के समक्ष जेलकर्मियों ने अपनी तमाम आशंकाओं को बयां किया। जेलकर्मियों का कहना था कि निचले रैंक के कर्मियों को बलि का बकरा नहीं बनाया जाना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि महानिदेशक ने कहा कि किसी भी कर्मी के साथ किसी भी स्तर पर कोई अन्याय नहीं कर सकता। महानिदेशक ने कहा कि ऐसे जेलकर्मी जिनका आचरण अच्छा है, उनसे सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।