दिल्ली में सामने आया अजब मामला, हत्यारोपित को चंद घंटों में इंस्पेक्टर ने दे दी जमानत
इंस्पेक्टर ने जमानत देने की बात काफी गोपनीय रखने की कोशिश की लेकिन पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक तक इसकी जानकारी मिल जाने पर पूरे यूनिट में खलबली मची हुई है।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। सात साल पूर्व घर खाली न करने पर 30 लाख रुपये सुपारी देकर महिला की हत्या कराने वाले मकान मालिक पीएस अहलुवालिया को क्राइम ब्रांच ने इतने दिनों बाद गिरफ्तार तो कर लिया, लेकिन चंद घंटे के अंदर ही सोमवार को इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार ने उसे गैर कानूनी तरीके से जमानत भी दे दी। इंस्पेक्टर ने जमानत देने की बात काफी गोपनीय रखने की कोशिश की, लेकिन पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक तक इसकी जानकारी मिल जाने पर पूरे यूनिट में खलबली मची हुई है। इस मसले पर गोपनीय तरीके से जांच की जा रही गई है। मामले में कई अधिकारियों पर भी जल्द गाज गिर सकती है।
बिजनेसमैन पीएस अहलुवालिया मॉडल डाउन पार्ट 2 में परिवार के साथ रहता है। उसने किरण अग्रवाल नाम की महिला को अपनी कोठी के कुछ हिस्से को किराये पर दिया था। पांच साल बाद जब उसने महिला से घर खाली करने को कहा तो उसने इन्कार कर दिया। इस पर दोनों के बीच झगड़ा भी हुआ। इसके बाद अहलुवालिया ने अपने परिचित अधिवक्ता लोनी गाजियाबाद निवासी वीरेंद्र कुमार से महिला की हत्या कराने के लिए 30 लाख में डील की। 10 लाख एडवांस व शेष 20 लाख हत्या के बाद दिया गया।
हत्या की सुपारी लेकर वीरेंद्र कुमार ने तीन बदमाशों से किरण अग्रवाल की हत्या कराने के लिए संपर्क साधा। तीनों ढाई लाख में हत्या करने के लिए तैयार हो गए। 17 दिसंबर 2011 की रात तीनों ने घर में घुसकर गला दबाकर किरण की हत्या कर शव फेंक दिया। उधर, किरण के लापता हो जाने पर उनके परिजनों ने मॉडल टाउन थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी।
कुछ पता न चल पाने पर मामला अपहरण का दर्ज किया गया। अगले दिन शव मिलने पर न्यू उस्मानपुर पुलिस ने भी केस दर्ज कर लिया। फिर कोई सुराग न मिलने की बात बता कोर्ट में अनट्रेस रिपोर्ट दायर कर दी। सवा सात साल बाद बीते एक फरवरी को डीसीपी क्राइम ब्रांच डॉ. जी राम गोपाल नायक की टीम को सूचना मिली कि किरण अग्रवाल की हत्या पीएस अहलुवालिया ने कराई थी।
छानबीन के बाद पुलिस ने हत्या में शामिल बुराड़ी निवासी प्रिथी सिंह उर्फ पृथ्वी व आजादपुर निवासी कमलेश समेत मास्टर माइंड अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया। कमलेश रिक्शा चलाता है उसके खिलाफ पहले के 8 मामले दर्ज हैं। उसे 20 हजार रुपये देने का वादा किया गया था, लेकिन 5 हजार ही दिए गए। वारदात में शामिल एक बदमाश की मौत चुकी है।
अहलुवालिया को बाद में गिरफ्तार किया जाना था, लेकिन 20 दिन पूर्व क्राइम ब्रांच का नंदनगरी में नया कार्यालय खुल जाने पर जांच अधिकारी इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार का वहां ट्रांसफर कर दिया गया। इस बीच उन्होंने सोमवार को पीएस अहलुवालिया को गिरफ्तार कर चुपके से जमानत पर छोड़ भी दिया। दिल्ली में यह अपने तरह का पहला मामला है।
बताया जाता है कि सुरेंद्र कुमार की गतिविधियों को देखते हुए उन्हें कुछ महीने पहले क्राइम ब्रांच से हटाने के लिए आला अधिकारी से संस्तुति भी की गई थी, लेकिन नहीं हटाया गया। उक्त मामले में केवल कोर्ट से ही मुलजिम को जमानत मिलने का प्रावधान है।
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