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Covaxin and Covishield: लोगों के लिए संजीवनी साबित हो रहे भारतीय टीके कोवैक्सीन और कोविशील्ड

Covaxin and Covishield डॉक्टरों का मानना है कि इसकी सबसे बड़ी वजह स्वास्थ्य कर्मियों का टीके के प्रति विश्वास बढ़ना और डर खत्म होना है। इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि दोनों टीके (कोविशील्ड व कोवैक्सीन) पूरी तरह सुरक्षित हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 01:21 PM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 01:21 PM (IST)
Covaxin and Covishield: लोगों के लिए संजीवनी साबित हो रहे भारतीय टीके कोवैक्सीन और कोविशील्ड
खास तौर पर सबसे ज्यादा चिंता स्वदेशी टीका कोवैक्सीन को लेकर थी, जो अब दूर हो गई है।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। कोरोना वायरस संक्रमण से जंग में तमाम आशंकाओं के बीच दोनों भारतीय टीके संजीवनी साबित हुए हैं। टीकाकरण अभियान शुरू होने के महज नौ दिन में ही न सिर्फ टीके ने लोगों का भरोसा जीता है, बल्कि दहशत के वायरस को भी ढेर कर दिया है। यही वजह है कि अब टीकाकरण अभियान के आगे बढ़ने के साथ ही दुष्प्रभाव के मामलों में भी कमी आ गई और अब दुष्प्रभाव के मामले न के बराबर बचे हैं। शुरुआत में टीकाकरण से दुष्प्रभाव के मामले जहां 1.18 फीसद आए थे, वहीं दो सप्ताह बाद यह महज 0.11 फीसद बचे हैं। डॉक्टरों का मानना है कि इसकी सबसे बड़ी वजह स्वास्थ्य कर्मियों का टीके के प्रति विश्वास बढ़ना और डर खत्म होना है। इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि दोनों टीके (कोविशील्ड व कोवैक्सीन) पूरी तरह सुरक्षित हैं। खास तौर पर सबसे ज्यादा चिंता स्वदेशी टीका कोवैक्सीन को लेकर थी, जो अब दूर हो गई है।

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दिल्ली में कोरोना के टीकाकरण के लिए सप्ताह में चार दिन निर्धारित हैं, इसलिए टीकाकरण शुरू होने के बाद अब तक दो सप्ताह में यहां नौ दिन टीकाकरण हुआ है। इस दौरान कुल 56,733 स्वास्थ्य कर्मियों ने टीका लगवाया है। इसमें से सिर्फ 0.33 फीसद (192) स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने की जगह पर दर्द, घबराहट इत्यादि जैसे हल्के दुष्प्रभाव देखे गए। इनमें से सिर्फ छह कर्मचारियों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था, जो अब ठीक हो चुके हैं। इनमें से तीन कर्मचारियों को कोविशील्ड व तीन कर्मचारियों को कोवैक्सीन टीका लगा था। दिल्ली में पहले दिन 4319 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगा था, इसमें 51 लोगों में कुछ दुष्प्रभाव देखा गया था। 30 जनवरी को 8774 कर्मचारियों को टीका लगने के बाद सिर्फ 10 लोगों को कुछ परेशानी हुई।

सफदरजंग अस्पताल के प्रिवेंटिव व कम्युनिटी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. जुगल किशोर ने कहा कि शुरुआत में लोग टीके से घबराए हुए थे। यदि कोई पहले से तनाव में है तो टीका लगने के बाद घबराहट, सिर दर्द जैसी समस्या हो सकती है। अब टीके को लेकर डर नहीं है। इसलिए टीकाकरण बढ़ने पर दुष्प्रभाव भी कम देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी को टीके से घबराने की जरूरत नहीं है।

94 फीसद स्वास्थ्य कर्मियों को लगा कोविशील्ड

दिल्ली में अब तक टीका लगवाने वाले 94.91 फीसद स्वास्थ्य कर्मियों को कोविशील्ड व 5.08 फीसद कर्मचारियों को कोवैक्सीन लगा है। इसका कारण यह है कि कोवैक्सीन सिर्फ केंद्र के छह अस्पतालों में ही उपलब्ध कराई गई है।

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