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रेलवे की जमीन पर होगी सैटेलाइट की नजर, खत्‍म हुई अतिक्रमण की गुंजाइश, इसरो ने दिखाई राह

रेलवे अपनी संपत्तियों की निगरानी के लिए अब सैटेलाइट की मदद लेने जा रहा है। इसके लिए रेलवे और इसरो के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर भी हो चुके हैं।

By Amit MishraEdited By: Published: Fri, 20 Apr 2018 12:40 PM (IST)Updated: Sat, 21 Apr 2018 11:44 AM (IST)
रेलवे की जमीन पर होगी सैटेलाइट की नजर, खत्‍म हुई अतिक्रमण की गुंजाइश, इसरो ने दिखाई राह
रेलवे की जमीन पर होगी सैटेलाइट की नजर, खत्‍म हुई अतिक्रमण की गुंजाइश, इसरो ने दिखाई राह

हापुड़ [ गौरव शर्मा ]। अब रेलवे की जमीन और स्टेशनों के आसपास कब्जा करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा, क्योंकि रेलवे अपनी संपत्तियों की निगरानी के लिए अब सैटेलाइट की मदद लेने जा रहा है। इसके लिए रेलवे और इसरो के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर भी हो चुके हैं। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने सभी मंडल अधिकारियों को पत्र भेजकर स्टेशनों का डाटा संकलन करने के दिशा-निर्देश दिए हैं। हापुड़ स्टेशन के अधिकारियों ने इस योजना के लिए डाटा बनाने का काम शुरू कर दिया है।

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भरोसेमंद नेटवर्क में रेल यातायात शुमार 

देश के सबसे भरोसेमंद नेटवर्क में रेल यातायात शुमार होता है। मुरादाबाद मंडल में कई मॉडल स्टेशन के साथ साथ वीआईपी स्टेशन भी शामिल होते हैं। पिछले कुछ साल रेलवे अधिकारियों के लिए अच्छा नहीं रहा। कभी ट्रेन पटरी से उतरी तो कभी दुर्घटनाग्रस्त हुई। इस हादसे ने जहां रेलवे की लचर कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा किया, वहीं ट्रैक पर चल रहे मरम्मत कार्य को लेकर भी सवाल खड़े हुए। 

2018 दिसंबर तक पूरा करना है काम 

अब रेलवे ने रेल दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने और अपनी संपत्ति की सुरक्षा करने के लिए आसमान से निगाह रखने की एक अनूठी पहल को शुरू किया है। इस पहल के तहत रेलवे और इसरो के बीच अहम करार हुआ है। प्रत्येक मंडल में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। जहां रेलवे के अधिकारी सभी संपत्तियों की जानकारी मुख्य कंट्रोल रूम को देंगे। इसके जरिए इसरो के पास पूरी जानकारी भेजी जाएगी, जहां चिन्हित स्थानों को सैटेलाइट में फीड किया जाएगा। रेलवे की सभी संपत्तियों का खाका तैयार किए जाने के बाद जीआइएस पोर्टल विकसित किया जाएगा। यह पूरी तरह से जीपीएस प्रणाली पर आधारित होगा। इस काम को 2018 दिसंबर तक हर हाल में पूरा किया जाना है।

24 घंटे नजर रखी जाएगी

इसके लिए सीआरआइएस (सेंटर फॉर रेलवे इनफर्मेशन सिस्टम्स) एप्लीकेशन तैयार करने में लगा है। रेलवे अधिकारियों ने संपत्तियों की निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए हैं। मैपिंग के हिसाब से सैलेलाइट में चिहृनित स्थान अपलोड होगा। जिससे 24 घंटे नजर रखी जाएगी। इसमें रेलवे स्टेशन भी शामिल हैं। इसके अलावा ट्रैकों पर भी नजर रखी जाएगी। ताकि ट्रैक और सिग्नल उपकरणों की खामी को पकड़ा जा सके। ट्रैकों के काम भी ऑनलाइन दिखाई देंगे। इससे रेलवे को यह भी जानकारी मिलेगी कि कहां निर्मांण या मरम्मत काम चल रहा है।

हापुड़ स्टेशन की जमीन पर भी कब्जा

रेलवे अधिकारियों की मानें तो इस योजना के शुरू होने का सबसे ज्यादा लाभ मुरादाबाद मंडल के हापुड़ स्टेशन को होगा, क्योंकि रेलवे की यहां पर काफी जमीन खाली पड़ी है। जिस पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर रखा है।

क्या कहते है मंडल रेल प्रबंधक

मंडल रेल प्रबंधक एके सिंघल ने बताया कि बोर्ड के अधिकारियों द्वारा प्लानिंग बनाई जाने के बाद ही इसरो ने समझौता किया है। इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए रेलवे के इंजीनियर और इसरो संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। मुरादाबाद मंडल में भी इस योजना के तहत एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। इस कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारी ट्रैक पर चल रही ट्रेन, ट्रैक पर चल रही मरम्मत और अतिक्रमणकारियों पर निगाह रख सकेंगे। 

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