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Railway News: साहब के बंगले में नहीं होगा हुक्म बजाने वाला, चपरासी की नियुक्ति पर लगी रोक

Railway News कोरोना से पैदा हुए संकट के दौर में रेलवे अपने खर्चों में कमी करने के लिए कई कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में यह फैसला भी किया गया है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 09:38 AM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 09:38 AM (IST)
Railway News: साहब के बंगले में नहीं होगा हुक्म बजाने वाला, चपरासी की नियुक्ति पर लगी रोक
Railway News: साहब के बंगले में नहीं होगा हुक्म बजाने वाला, चपरासी की नियुक्ति पर लगी रोक

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। रेलवे अधिकारियों के बंगले पर हुक्म बजाने के लिए अब कोई कर्मचारी तैनात नहीं रहेगा। रेलवे बोर्ड ने इसे लेकर बृहस्पतिवार को आदेश जारी किया। तत्काल प्रभाव से टीएडीके (टेक्निकल असिस्टेंट एंड डाक खलासी) यानी चपरासी की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। पिछले माह हुई नियुक्तियों की भी समीक्षा की जाएगी। रेलवे अधिकारियों के सहयोग के लिए उनके आवास पर टीएडीके की तैनाती की जाती है। अमूमन यह सुविधा वरिष्ठ अधिकारियों को मिलती है, लेकिन महत्वपूर्ण पदों पर तैनात कई जूनियर ग्रेड अधिकारी भी इसे हासिल कर लेते हैं। यह व्यवस्था अधिकारियों के सहयोग के लिए है, लेकिन इसे लेकर हमेशा सवाल खड़े होते रहे हैं।

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पहले भी इस तरह की नियुक्ति पर उठे हैं सवाल

केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल भी कई बार इस तरह की नियुक्तियों अनुचित ठहरा चुका है। कोरोनो महामारी के कारण नियमित रेल परिचालन बंद है और रेलवे की आय में भी कमी हुई है। इस संकट के दौर में रेलवे अपने खर्चों में कमी करने के लिए कई कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में यह फैसला भी किया गया है।

गौरतलब है कि नई नियुक्ति पर रोक लगाने के साथ ही 1 जुलाई से अबतक तैनात किए गए टीएडीके की भी समीक्षा की जाएगी। यह भी चर्चा है कि आने वाले दिनों पहले से तैनात इन कर्मचारियों को अधिकारियों के आवास से हटाकर रेलवे के जरूरी कामकाज में लगाया जाएगा। कुछ दिनों पहले रेलवे में अंग्रेजों के जमाने की डाक मैसेंजर सेवा बंद करने की भी घोषणा की गई थी।

इन सारी कवायद को रेलवे द्वारा खर्च  में कटौती के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में रेल सेवाएं कई महीने से बंद हैं, ऐसे में रेलवे को करोड़ों-अरबों को नुकसान हो चुका है। ऐसे में खर्च करने के लिए रेलवे तमाम तरह के प्रयास कर रहा है।  


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