कोरोना का टीका लगने के बाद कितने महीने रोग प्रतिरोधक क्षमता रहेगी मजबूत, एम्स निदेशक गुलेरिया ने बताया
एम्स निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया कोरोना रोधी टीका हमें लगभग आठ से 12 महीने तक प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है। इसके बाद हमें बूस्टर डोज की आवश्यकता होती है। लगभग सभी उपलब्ध टीके वायरस का मुकाबला करने में सक्षम हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना से उबर चुके पुलिसकर्मियों को कैसे खुद व स्वजन के स्वास्थ्य की देखभाल करनी है। इसे लेकर दिल्ली पुलिस लगातार वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ वेबिनार आयोजित कर रही है। इसी क्रम शनिवार को आयोजित वेबिनार में दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों के साथ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया भी शामिल हुए। उन्होंने कोरोना से उबर चुके पुलिसकर्मियों के साथ बातचीत की और उन्हें चिकित्सीय सलाह भी दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना से जंग में टीकाकरण सबसे अहम है। कुछ ही महीने में भारत पूरी दुनिया में कोरोना रोधी टीके का सबसे बड़ा निर्माता बनने जा रहा है। देश में चार प्रमुख टीकों का उत्पादन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कई प्रकार हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर सामान्य फ्लू की तरह फैलते हैं और कुछ ही इतने मजबूत होते हैं कि महामारी का कारण बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि टीकाकरण संक्रमण के प्रसार को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है।
कोरोना रोधी टीका हमें लगभग आठ से 12 महीने तक प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है। इसके बाद हमें बूस्टर डोज की आवश्यकता होती है। लगभग सभी उपलब्ध टीके वायरस का मुकाबला करने में सक्षम हैं।
अध्ययनों से पता चला है कि जिन लोगों ने कोरोना रोधी टीके की दोनों डोज ली थी उन्हें संक्रमण के हल्के लक्षणों का सामना करना पड़ा और वे आसानी से ठीक हो गए। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी कई लोग बीमार होते हैं। ऐसे में संक्रमण से उबरने के बाद भी प्राणायाम, ध्यान, दिन भर पौष्टिक हल्का आहार, पर्याप्त आराम और नींद के साथ एक साधारण दिनचर्या का पालन करना चाहिए।