India Covid-19 Second Wave: जान की कीमत पर लापरवाही से करें तौबा
India Covid-19 Second Wave केंद्र के साथ राज्य सरकारों की भी जिम्मेदारी है कि रोजाना तेजी से बढ़ रहे संक्रमण पर नियंत्रण के लिए हरसंभव कदम उठाएं। मौजूदा हालात में सर्वाधिक पीड़ित राज्यों में सख्ती के साथ टीकाकरण की दर भी तेज करने की दरकार है।
पूर्वी दिल्ली, स्वदेश कुमार। India Covid-19 Second Wave देश में कोरोना संक्रमण की गति फिर से तेज हो गई है। चंद दिन पहले लगने लगा था कि कोरोना अब खत्म होने वाला है। लगातार कम होती संक्रमितों की संख्या और कोरोना रोधी टीकों के लगाए जाने से लोग इस महामारी के प्रति लापरवाह होने लगे। मास्क, शारीरिक दूरी और हाथों की निरंतर सफाई के नियमों को त्यागने लगे। जगह-जगह समारोह आयोजित होने लगे। भीड़ जुटने लगी। ये सब कोरोना वायरस के मुफीद हुआ तो उसने भी अपनी चाल तेज कर दी। आज फिर नए मामलों के हर दिन रिकॉर्ड बनने लगे हैं। यह स्थिति खतरनाक है। इस पर सभी लोगों को सचेत होने की जरूरत है।
ब्रिटेन और अन्य देशों में कोरोना की दूसरी लहर नए स्ट्रेन की वजह से सामने आई थी। अभी अपने देश में नए स्ट्रेन से मामलों में वृद्धि होने का सीधा संबंध सामने नहीं आया है। यह जरूर है कि कोरोना के मामले काफी बढ़ चुके हैं। लेकिन दूसरे देशों की तुलना में यह उतना खतरनाक या जानलेवा नहीं है। अभी भी अपने देश में कोरोना से मृत्यु की दर एक फीसद के आसपास है। 99 फीसद मरीज ठीक हो चुके हैं। पांच करोड़ से अधिक लोगों को टीका लग चुका है। एक अप्रैल से 45 साल के अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति टीका लगवा सकता है।
शुरुआत में टीकाकरण की रफ्तार धीमी थी। अब प्रतिदिन 20 लाख लोगों को टीका लग रहा है। टीकाकरण की गति आगे और बढ़ेगी। इसलिए जरूरी है कि अपनी बारी आने पर हर कोई टीका लगवाए। 45 से अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों को टीका लग जाए तो लगभग एक तिहाई आबादी में हर्ड इम्यूनिटी विकसित हो जाएगी, जो इस महामारी को रोकने में सहायक होगी। लेकिन इसमें अभी समय लग सकता है। इसलिए सावधानी रखनी जरूरी है। सभी सरकारों को अलर्ट रहना पड़ेगा।
कोरोना से बचाव के नियमों का पालन सुनिश्चित करना होगा। फिलहाल स्कूल और कालेज खोलने के लिए यह समय उपयुक्त नहीं है। जहां भीड़-भाड़ हो रही है, उन्हें रोकने की जरूरत है। कोरोना के मामले बढ़ने का सबसे बड़ा कारण यही है कि नियमों की अवहेलना होने लगी। युवा वर्ग की गतिविधियां बढ़ गई हैं। लोग रोजगार के लिए निकल रहे हैं। यह मजबूरी है। लेकिन एहतियात के साथ रहेंगे तो इस पर नियंत्रण पा सकेंगे। टीकाकरण कराने वाले भी नियमों का पालन करें।
[डॉ हरीश गुप्ता, सदस्य, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग व दिल्ली मेडिकल काउंसिल, नई दिल्ली]