दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में संख्या बल बढ़ाकर सत्ता पर काबिज होने का खेल शुरू, एक नेता ने बदला पाला
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की सत्ता पर कब्जा करने के लिए पार्टियां अपनी शक्ति बढ़ाने में लगे हुए हैं। एक-दूसरे के जीते हुए सदस्यों की कोशिश शुरू हो गई है। इस खेल में शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) ने शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) के खेमे में सेंध लगा दिया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) की सत्ता पर कब्जा करने के लिए पार्टियां अपनी शक्ति बढ़ाने में लगे हुए हैं। एक-दूसरे के जीते हुए सदस्यों की कोशिश शुरू हो गई है। जोड़-तोड़ के इस खेल में शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) ने शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) के खेमे में सेंध लगा दिया है। सरना गुट के सुखबीर सिंह कालरा ने शिअद बादल का दामन थाम लिया है। कालरा स्वरूप नगर वार्ड से चुनाव जीते हैं।
चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद शिअद दिल्ली के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने प्रेस वार्ता करके डीएसजीएमसी के अध्यक्ष पद के चुनाव मनजिंदर सिंह सिरसा को हराकर अपनी पार्टी का अध्यक्ष बनाने का दावा किया था। उनकी पार्टी को डीएसजीएमसी की 46 csमें से 14 सीटों पर जीत मिली है। उनका दावा है कि जग आसरा गुरु ओट के तीन सदस्यों के साथ ही पंथक अकाली लहर का एक और एक निर्दलीय सदस्य का समर्थन उनकी पार्टी को है। इसके साथ ही शिअद बादल के कई नेता भी समर्थन देंगे। अपनी पार्टी में किसी तरह की टूट की संभावना से उन्होंने इन्कार करते हुए कहा था कि यदि कोई सदस्य बादल गुट में गया तो वह आत्म हत्या कर लेंगे।
वहीं, शिअद बादल को 27 सीटें मिली हैं और अब शिअद दिल्ली के एक सदस्य के आने के साथ ही इसकी संख्या बढ़कर 28 uaहो गई है। शिअद बादल के प्रदेश अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने कहा कि सरना के काम करने के तरीके से तंग आकर नेता उनकी पार्टी छोड़ रहे हैं। आने वाले दिनों में कुछ और निर्वाचित सदस्य शिअद बादल में शामिल होंगे। कालरा ने कहा कि वह शिअद बादल में घुटन महसूस कर रहे थे, इसलिए शिअद बादल में शामिल होकर संगत की सेवा करने का फैसला किया है। उन्होंने भी दावा किया कि जल्द ही कुछ अन्य सदस्य पार्टी छोड़ेंगे।
डीएसजीएमसी के नामित सदस्यों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नौ सितंबर को कमेटी के नवनिर्वाचित सदस्य दो अन्य सदस्यों का चुनाव करेंगे। उसके 15 दिनों के बाद डीएसजीएमसी अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों का चुनाव किया जाएगा।