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आनलाइन ठगी के मामले में गिरोह का सरगना निकला अफ्रीकी नागरिक, राजस्थान से दो साथी किए गए गिरफ्तार

पूछताछ में पता चला कि गिरोह का सरगना अफ्रीकी नागरिक है। वह पहले से यूपी के जेल में बंद है। यह लोग बड़ी कंपनियों को निशाना बनाते थे। बड़ी कंपनियों के प्रमुख प्रबंधकीय व्यक्तियों और बड़ी कंपनियों के जाली लेटर हेड फर्जी ई-मेल आईडी बनाते थे।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 12:40 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 12:40 PM (IST)
आनलाइन ठगी के मामले में गिरोह का सरगना निकला अफ्रीकी नागरिक, राजस्थान से दो साथी किए गए गिरफ्तार
साइबर सेल टीम ने आनलाइन ठगी के मामले में फरार दो ठगों को राजस्थान से गिरफ्तार किया है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिण-पूर्वी जिले की साइबर सेल टीम ने आनलाइन ठगी के मामले में फरार दो ठगों को राजस्थान से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान फरीदपुर बरेली निवासी मेहंदी हसन उर्फ हरपाल और रामसुख कैंप बदरपुर निवासी 20 वर्षीय मोहम्मद अरबाज खान के तौर पर की गई है। जानकारी के अनुसार, पुलिस टीम को सूचना मिली कि आनलाइन धोखाधड़ी व हैकिंग के कई मामलों में शामिल एक अंतरराज्यीय गिरोह के दो फरार आरोपित दक्षिण पूर्वी जिले में देखे गए हैं।

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टीम ने सूचना के आधार पर सरिता विहार और बदरपुर के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। तकनीकी निगरानी की मदद से तीन दिसंबर की रात राजस्थान के फरीदपुर में छापेमारी कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में पता चला कि गिरोह का सरगना अफ्रीकी नागरिक है। वह पहले से यूपी के जेल में बंद है। यह लोग बड़ी कंपनियों को निशाना बनाते थे। बड़ी कंपनियों के प्रमुख प्रबंधकीय व्यक्तियों और बड़ी कंपनियों के जाली लेटर हेड, फर्जी ई-मेल आईडी बनाते थे। फिर फर्जी कंपनियों या व्यक्तियों के नाम पर बनाए गए कई नकली चालू खातों में बैंक खाते से राशि स्थानांतरित करने के लिए बैंक को मेल और जाली लेटर भेजते थे। फिर अपने विभिन्न बैंक खातों में पैसे स्थानांतरित कर लेते थे।

खाते का बैंक शीट चेक करने पर ठगी का चला पता पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिकायतकर्ता कंपनी गणेशा इकोस्फेयर लिमिटेड को इस धोखाधड़ी के बारे में तब पता चला जब उन्होंने अपना खाता बैलेंस शीट चेक किया। जालसाजों ने नकली ई-मेल आईडी बनाकर और इन आईडी से पीडि़त के बैंक को मेल भेजा, जो कि गणेश इकोस्फीयर लिमिटेड के प्रमुख प्रबंधकीय के नाम पर था। उनके फर्जी 5-6 चालू बैंक खातों से 80 लाख रुपये हस्तांतरित कर लिए।


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