Move to Jagran APP

हत्या के मामले में जरूरी नहीं किसी ने आरोपित को अपराध करते देखा हो : कोर्ट

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुण सुखीजा के कोर्ट ने आदेश में कहा कि हत्या के हर मामले में जरूरी नहीं कि किसी व्यक्ति ने आरोपित को अपराध करते हुए देखा हो।मामलों में कोर्ट का सर्वोच्च कर्तव्य होता है कि वह साक्ष्यों को कानून की ²दृष्टि से परख कर निर्णय तक पहुंचे।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 06:10 AM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 06:10 AM (IST)
हत्या के मामले में जरूरी नहीं किसी ने आरोपित को अपराध करते देखा हो : कोर्ट
हत्या के मामले में परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर आरोपित को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने की टिप्पणी

नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। न्यू अशोक नगर इलाके में तीन साल पहले हत्या के एक मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर दोषी करार दे दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुण सुखीजा के कोर्ट ने आदेश में कहा कि हत्या के हर मामले में जरूरी नहीं कि किसी व्यक्ति ने आरोपित को अपराध करते हुए देखा हो। ऐसे मामलों में कोर्ट का सर्वोच्च कर्तव्य होता है कि वह साक्ष्यों को कानून की ²दृष्टि से परख कर निर्णय तक पहुंचे। यहां यह याद रखना भी जरूरी है कि कोर्ट सिर्फ यह देखने के लिए नहीं है कि कोई निर्दोष व्यक्ति दंडित न हो जाए, बल्कि यह देखना भी जिम्मेदारी है कि कोई दोषी भाग न जाए। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की कड़ी के जरिये आरोपों को साबित करने में सफल रहा है।

loksabha election banner

इसलिए आरोपित को दोषी करार दिया जाता है। इस मामले में सजा पर सुनवाई छह दिसंबर को होगी। दल्लूपुरा प्रताप चौक के पास 25 नवंबर 2018 को एक मकान की तीसरी मंजिल पर कमरे में पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के छतिन गाछी गांव के रहने बप्पी पाल का शव सड़ी हालत में मिला था। इस कमरे के दरवाजे पर बाहर से ताला लगा था। पहले इस मामले में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया था।

शुरुआती जांच में पुलिस ने पाया कि हत्या से आठ दिन पहले खरीदा गया बप्पी पाल का मोबाइल फोन पश्चिम बंगाल में चल रहा है। इसके अलावा उस मकान में रहने वाली महिला ने पुलिस को बयान दिया कि मृतक के साथ कमरे में उसके गांव का ही तापस हलदर रह रहा था। महिला ने यह भी बताया कि कुछ दिनों से बप्पी दिखाई नहीं दिया था, लेकिन तापस हलदर कई बार दिखाई दिया। मोबाइल फोन की लोकेशन के आधार पर पुलिस ने पश्चिम बंगाल से तापस हलदर को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने दावा किया था कि पूछताछ में उसने कबूला था कि उसने ही बप्पी पाल की गला घोंट कर हत्या की और उसके छह हजार रुपये निकाल लिए थे। इस पर पुलिस ने मामले को हत्या के केस में बदल दिया था। कोर्ट में मामला पहुंचा तो अभियोजन पक्ष ने गवाह और साक्ष्य प्रस्तुत किए। उधर, बचाव पक्ष ने कहा कि तापस हलदर को गलत फंसाया गया है। किसी ने उसे हत्या करते हुए नहीं देखा है। वह बप्पी की मौत के वक्त पश्चिम बंगाल गया हुआ था। उसकी मां की तबीयत खराब थी। ऐसे में उसे बरी कर देना चाहिए। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपित तापस हलदर को दोषी करार दे दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.