सावधान हो जाएं दिल्ली-एनसीआर के करोड़ों लोग, प्रदूषण बढ़ा तो गंभीर हो सकता है कोरोना संक्रमण
डाक्टर कहते हैं कि कोरोना पर कई शोध हुए हैं। इसमें यह साबित हो चुका है कि प्रदूषण बढ़ने पर धूलकण के साथ चिपक कर वायरस अधिक दूर तक पहुंचने का खतरा रहता है। इससे संक्रमण बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। अगले कुछ दिनों में दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने की आशंका है। कोरोना की संक्रमण दर में भी थोड़ी बढ़ोतरी देखी जा रही है। ऐसे में प्रदूषण बढ़ने पर कोरोना का संक्रमण बढ़ने का खतरा अधिक है। डाक्टर कहते हैं कि प्रदूषण के दौरान कोरोना का संक्रमण होने पर बीमारी ज्यादा गंभीर हो सकती है, जो मौजूदा समय के मुकाबले अधिक जानलेवा साबित हो सकती है। इसलिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है और सार्वजनिक स्थलों पर मास्क का इस्तेमाल जारी रखना होगा।
डाक्टर कहते हैं कि कोरोना पर कई शोध हुए हैं। इसमें यह साबित हो चुका है कि प्रदूषण बढ़ने पर धूलकण के साथ चिपक कर वायरस अधिक दूर तक पहुंचने का खतरा रहता है। इससे संक्रमण बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है। पिछले साल दिल्ली में अक्टूबर व नवंबर में भी कोरोना का संक्रमण फैला था। अच्छी बात यह है कि इस साल अभी तक संक्रमण दर बहुत ज्यादा नहीं है।
सफदरजंग अस्पताल के प्रिवेंटिव कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ डा.जुगल किशोर ने कहा कि प्रदूषण सीधा सांस की नली व फेफड़े को प्रभावित करता है। इसलिए पहले से सांस की बीमारियों से पीड़ित मरीजों व धूमपान करने वालों को संक्रमण अधिक गंभीर हुआ। ऐसे में प्रदूषण बढ़ने पर कोरोना का संक्रमण हुआ तो बीमारी गंभीर होने की संभावना अधिक होगी। खास तौर पर उन लोगों को जिन्हें पहले कोरोना का संक्रमण नहीं हुआ। दूसरी लहर में कोरोना का डेल्टा वायरस बहुत फैला हुआ था। इससे ज्यादातर लोग इस वायरस के संक्रमण से पीड़ित हो चुके हैं।
ऐसे लोगों को दोबारा संक्रमण का ज्यादा खतरा नहीं है। मौलाना आजाद मेडिकल कालेज के कम्युनिटी मेडिसिन की विशेषज्ञ डा. सुनीला गर्ग ने कहा कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। इसलिए मास्क और सैनिटाइजर के साथ बचाव के नियमों का पालन बहुत जरूरी है।
संक्रमण दर में थोड़ी बढ़ोतरी, लगातार दूसरे दिन कोई मौत नहीं
राजधानी दिल्ली में लंबे समय से कोरोना की संक्रमण दर आधा फीसद से भी कम बनी हुई है। इसलिए स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन पिछले दो दिनों से दर में थोड़ी बढ़ोतरी देखी जा रही है। इससे 57 दिनों बाद संक्रमण दर 0.10 फीसद पहुंच गई है। इससे पहले आठ अगस्त को संक्रमण दर 0.10 फीसद थी। इसके बाद से संक्रमण दर 0.05 के आसपास स्थिर बनी हुई थी। दो अक्टूबर को संक्रमण दर 0.05 फीसद थी। इसके बाद यह बढ़कर 0.07 फीसद हुई, जो अब 0.10 फीसद पर पहुंच गई है। फिर भी सोमवार को कोरोना के नए मामले 34 ही आए। राहत की सबसे बड़ी बात यह है कि लगातार दूसरे दिन दिल्ली में कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई।