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JNU: एजेएनआइएफएम छात्रों को मिलेगी जेएनयू की डिग्री, मीटिंग में लिए गए कई अहम निर्णय

जेएनयू विद्वत परिषद की बैठक में अरुण जेटली नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फाइनेंसियल एंड मैनेजमेंट के छात्रों को जेएनयू की डिग्री देने पर सहमति बनी। यहां से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट(फाइनेंस) और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट(फाइनेंसियल मैनेजमेंट) करने वाले छात्रों की डिग्री जेएनयू की दी जाएगी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 02:14 PM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 02:14 PM (IST)
JNU: एजेएनआइएफएम छात्रों को मिलेगी जेएनयू की डिग्री, मीटिंग में लिए गए कई अहम निर्णय
एजेएनआइएफएम छात्रों को मिलेगी जेएनयू की डिग्री

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) विद्वत परिषद की अहम बैठक मंगलवार को संपन्न हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। एक सदस्य ने बताया कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी कामन एंट्रेंस टेस्ट (सीयूसेट) के माध्यम से जेएनयू में दाखिला लिए जाने पर सहमति बनती दिखाई दी। हालांकि अभी भी कई शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं। सदस्य ने बताया कि सीयूसेट के तहत सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय में दाखिले होंगे, इसलिए जेएनयू का भी शामिल होना तय ही है। कार्यकारी परिषद की बैठक में भी सीयूसेट का प्रस्ताव पेश किया जाएगा। कार्यकारी परिषद की सहमति के बाद ही प्रवेश परीक्षा संबंधी नियम बदले जाएंगे।

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भाषा अध्ययन केंद्र के तहत हिंदी अनुवाद अध्ययन में स्नातकोत्तर शुरू करने पर भी सहमति बन गई। इस बाबत प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हुआ। जेएनयू प्रशासन ने बताया कि अगामी शैक्षणिक सत्र से पाठ्यक्रम में दाखिले होंगे। जेएनयू में अब एमफिल में दाखिला नहीं लिया जाएगा। बैठक में इस पर भी एक राय बनी। ऐसा नई शिक्षा नीति के नियमों के तहत किया जाएगा। जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने तो वर्तमान शैक्षणिक सत्र से ही एमफिल में दाखिला बंद कर दिया है।

एजेएनआइएफएम छात्रों को मिलेगी जेएनयू की डिग्री

जेएनयू विद्वत परिषद की बैठक में अरुण जेटली नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फाइनेंसियल एंड मैनेजमेंट के छात्रों को जेएनयू की डिग्री देने पर सहमति बनी। यहां से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट(फाइनेंस) और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट(फाइनेंसियल मैनेजमेंट) करने वाले छात्रों की डिग्री जेएनयू की दी जाएगी। जेएनयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष मिलाप सी शर्मा ने कहा कि यह हैरान करने वाला निर्णय है।

जेएनयू अपने इस निर्णय के पीछे राजस्व को वजह बता रहा है। जेएनयू अब तक प्रतिष्ठित संस्थानों मसलन, सेंटर फार डेवलपमेंट स्टडीज-तिरुवनंतपुरम, इंडियन मिलिटरी अकादमी देहरादून से पढ़ने वालों को डिग्री देता है। लेकिन कभी राजस्व के बारे में नहीं सोचा। जेएनयू शिक्षक संघ सचिव मौसमी बसु ने कहा कि पता चला है कि जेएनयू कुलपति द्वारा नियुक्त फैकल्टी ने विषय विशेषज्ञ नहीं होने के बावजूद एजेएनआइएफएम के पाठ्यक्रम तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।


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