दिल्ली में बिजली की मांग पर दिख रहा लॉकडाउन का असर, कम हो गई मांग, बाजारों में सन्नाटा
लाकडाउन के पहले बिजली की मांग में लगातार वृद्धि हो रही थी। मांग 43 सौ मेगावाट के करीब पहुंच गई थी लेकिन इन दिनों अधिकतम मांग तीन हजार मेगावाट से नीचे रह रही है। इससे पहले अप्रैल 2020 में भी लाकडाउन की वजह से मांग में कमी आई थी।
नई दिल्ली, [संतोष सिंह]। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए दिल्ली में लगाए गए लाकडाउन का असर बिजली की मांग पर भी पड़ा है। बिजली की खपत में काफी कमी आई है। लाकडाउन के पहले बिजली की मांग में लगातार वृद्धि हो रही थी। मांग 43 सौ मेगावाट के करीब पहुंच गई थी, लेकिन इन दिनों अधिकतम मांग तीन हजार मेगावाट से नीचे रह रही है। इससे पहले अप्रैल 2020 में भी लाकडाउन की वजह से मांग में कमी आई थी।
लाकडाउन से पहले स्थिति
- 4372 मेगावाट बिजली की अधिकतम मांग इस वर्ष 16 अप्रैल को थी
- 3829 मेगावाट बिजली की मांग लाकडाउन लगने वाले दिन 19 अप्रैल को थी
- लाकडाउन के बाद 2907 मेगावाट मांग शुक्रवार को रही
- 2757 मेगावाट शनिवार मांग शनिवार को रही
- 2681 मेगावाट मांग रविवार को रही
इसलिए घट रही बिजली की मांग
बिजली अधिकारियों का कहना है कि लाकडाउन की वजह से सभी प्रमुख बाजार बंद हैं। व्यापारिक प्रतिष्ठानों में भी ताले लगे हैं और अधिकांश निजी कार्यालय भी इन दिनों बंद हैं, जिससे बिजली की मांग में कमी आई है। घरेलू उपभोक्ता, जरूरी सेवाओं और औद्योगिक इकाइयों में ही बिजली की खपत हो रही है। इसके साथ ही एक सप्ताह में गर्मी से भी राहत मिली है, इससे भी बिजली की खपत कम हो गई है।
बिजली की अधिकतम मांग (माहवार)
माह 2020 2019 2018
जनवरी 4692 4472 4464
फरवरी 4447 4386 3946
मार्च 3775 4016 3766
अप्रैल 3362 5664 5200
मई 5492 6461 6442
जून 6314 6904 6934
जुलाई 6310 7409 7016
अगस्त 5737 6473 5937
सितंबर 6231 6626 5358
अक्टूबर 4820 4605 4713
नवंबर 3769 3161 3788
दिसंबर 4671 5245 4417
बिजली खपत को लेकर सेंटर फार साइंस एंड एनवायरमेंट रिपोर्ट
-मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में बिजली की कुल मांग से ज्यादा दिल्ली में मांग रहती है।
-वर्ष दो हजार की तुलना में वर्ष 2019 तक बिजली की मांग तीन गुना बढ़ गई थी।
-दिल्ली में बिजली की मांग बढ़ने का बड़ा कारण इमारतों व घरों का निर्माण पर्यावरण अनुकूल नहीं होना है।
-22 मार्च, 2020 को जनता कफ्र्यू लगने पर बिजली की मांग में 23 फीसद की गिरावट दर्ज की गई थी।
-लाकडाउन के दौरान सबसे कम 24 मार्च को 1748 मेगावाट मांग रही।
दिल्ली को कहां से कितनी बिजली मिलती है (आंकडे़ लगभग में) :-
केंद्र के सार्वजनिक क्षेत्र के विद्युत संयंत्रों से- 2900
दिल्ली के संयंत्रों से मिलने वाली बिजली- 800
दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) से- 225
द्विपक्षीय करार से मिलने वाली बिजली - 800
इस समय दिल्ली के बिजली संयंत्रों से उत्पादन की स्थितिगैस आधारित बवाना संयंत्र - 284
गैस टर्बाइन संयंत्र -42
प्रगति बिजली संयंत्र -163
ओखला स्थित कचरे से बिजली बनाने के संयंत्र-9
(नोट बिजली के आंकड़े मेगावाट में दिए गए हैं)