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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार को चिट्ठी लिखकर चेताया, इन 2 वजहों से आ सकती है तीसरी लहर

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने केंद्र सरकार को सचेत करते हुए कहा है कि पर्यटन व धार्मिक यात्राओं से कोरोना वायरस ज्यादा घातक हो सकता है। इससे तीसरी लहर जल्दी आ सकती है और धार्मिक यात्राएं कोरोना का संक्रमण बढ़ाने में सुपर स्प्रेडर की भूमिका निभा सकती है।

By Jp YadavEdited By: Published: Tue, 13 Jul 2021 07:01 AM (IST)Updated: Tue, 13 Jul 2021 07:39 AM (IST)
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार को चिट्ठी लिखकर चेताया, इन 2 वजहों से आ सकती है तीसरी लहर
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार को चिट्ठी लिखकर चेताया, इन 2 वजहों से आ सकती है तीसरी लहर

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली-एनसीआर समेत समूचे देश भर में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई। इस बीच उत्तर-पूर्व के कई राज्यों समेत कुछ राज्यों में मामले बढ़े भी हैं। वहीं, कोरोना वायरस संक्रमण के हालात के मद्देनजर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने केंद्र सरकार को सचेत करते हुए कहा है कि पर्यटन व धार्मिक यात्राओं से कोरोना वायरस ज्यादा घातक हो सकता है। इससे तीसरी लहर जल्दी आ सकती है और धार्मिक यात्राएं कोरोना का संक्रमण बढ़ाने में सुपर स्प्रेडर की भूमिका निभा सकती है। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ा यात्रा को मंजूरी दे चुकी है, हालांकि अभी गेंद उत्तराखंड के पाले में है, जिसकी मंजूरी का इंतजार है।

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उधर, आइएमए ने प्रधानमंत्री व सभी राज्य सरकारों से मांग की है कि कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा के उपायों को अभी कम नहीं करना चाहिए। पर्यटन, तीर्थ स्थलों का भ्रमण और धार्मिक यात्राएं जरूरी है, लेकिन मौजूदा समय में यह उचित नहीं है। ऐसे आयोजनों के लिए अभी कम से कम तीन माह इंतजार करना चाहिए।

आइएमए के अध्यक्ष जेए जयलाल ने कहा कि डॉक्टर दूसरी लहर से निपटकर तुरंत बाहर निकले हैं। दुनिया भर में मौजूद महामारी के साक्ष्यों के अनुसार तीसरी लहर को अपरिहार्य माना जा रहा है। ऐसे समय में देश के कई हिस्सों में सरकार के प्रतिनिधि व आम लोग बचाव के नियमों का ठीक से पालन नहीं कर रहे हैं और सामूहिक समारोहों में शामिल हो रहे हैं। पर्यटन व धार्मिक यात्राओं जैसे आयोजनों से होने वाला आर्थिक नुकसान कोरोना के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान व दुष्परिणाम से कम है। ऐसे में यह सबकी जिम्मेदारी है कि बचाव के नियमों का ठीक से पालन करें और अभी ऐसा कोई आयोजन न करें जिससे संक्रमण बढ़ने का खतरा हो। इसके अलावा लोगों के घर के नजदीक टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए।


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