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देश के सात करोड़ डायबिटीज मरीजों के लिए IMA का बड़ा बयान, जानें वैक्सीन की तीसरी डोज को लेकर क्या कहा

World Diabetes Day डायबिटीज पीड़ितों को कोरोना का ज्यादा खतरा रहता है। आइएमए के वित्त सचिव डा. अनिल गोयल ने बताया कि भारत में 7.70 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज पीड़ित हैं और शोधकर्ताओं का अनुमान है कि यह संख्या 2045 में बढ़कर 13.40 करोड़ हो जाएगी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 14 Nov 2021 08:03 PM (IST)Updated: Mon, 15 Nov 2021 07:10 AM (IST)
देश के सात करोड़ डायबिटीज मरीजों के लिए IMA का बड़ा बयान, जानें वैक्सीन की तीसरी डोज को लेकर क्या कहा
विश्व मधुमेह (डायबिटीज) दिवस पर आइएमए ने शुरू किया जागरूकता अभियान

नई दिल्ली [राहुल चौहान]। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने विश्व मधुमेह (डायबिटीज) दिवस के मौके पर रविवार को दिल्ली स्थित मुख्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इस दौरान आइएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. जेए जयालाल ने सरकार से डायबिटीज पीड़ितों का प्राथमिकता पर टीकाकरण कराने की मांग की। इसके साथ ही यह भी कहा कि अगर डायबिटीज पीड़ितों को टीके की तीसरी डोज की जरूरत हो तो यह भी दी जानी चाहिए।

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डायबिटीज के पीड़ितों को कोविड का खतरा सबसे ज्यादा

उन्होंने कहा कि डायबिटीज पीड़ितों को कोरोना का ज्यादा खतरा रहता है। आइएमए के वित्त सचिव डा. अनिल गोयल ने बताया कि भारत में 7.70 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज पीड़ित हैं और शोधकर्ताओं का अनुमान है कि यह संख्या 2045 में बढ़कर 13.40 करोड़ हो जाएगी।

महिला को पुरुष की अपेक्षा ज्यादा खतरा

पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है। वहीं, महासचिव डा. लेले ने कहा कि इंसुलिन की खोज के 100 वर्षों बाद भी डायबिटीज पीड़ित लोगों को यह आसानी से उपलब्ध नहीं है। आइएमए की प्रदेश स्तरीय और स्थानीय शाखाएं लोगों को उचित समय पर इंसुलिन थेरेपी प्रदान करने के लिए विशेष केंद्र खोलेंगी।

दस दिवसीय देश व्यापी जागरूकता अभियान

डा. जयालाल ने आइएमए की ओर से डायबिटीज के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए दस दिवसीय देशव्यापी जागरूकता अभियान शुरू करने की भी जानकारी दी। इसके तहत वाकेथन, मैराथन, जांच शिविर, सहित अन्य कार्यक्रम शामिल किए गए हैं। संस्था का उद्देश्य डायबिटीज के लक्षण और परेशानी के बारे में लोगों को जागरूक करना है। दस दिन के दौरान एक अरब लोगों तक पहुंच बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस मुहिम में आइएमए के साथ एसोसिएशन आफ फिजीशियंस आफ इंडिया, आरएसएसडीआइ, एंडोक्राइन सोसायटी और कई अन्य विशेषज्ञ संस्थाएं जुड़ी हैं।

2021 में डायबिटीज से दुनिया में 67 लाख लोगों की मौत हो चुकी

मुहिम का नेतृत्व मुंबई के डा. शशांक जोशी करेंगे जबकि तूतीकोरन की डा आरती कन्नन इसकी संयोजक होंगी। आंकड़ों के मुताबिक 2021 में डायबिटीज से दुनिया में 67 लाख लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि अब भी 53.7 करोड़ वयस्क (20 से 79 साल की उम्र) डायबिटीज पीड़ित हैं। एक अनुमान है कि 2030 तक यह संख्या बढ़कर 64.30 करोड़ हो जाएगी और 2045 में 78.40 करोड़ हो जाएगी।


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