फार्म हाउस और मोटलों पर सीलिंग की तलवार, मॉनिटरिंग कमेटी ने निगमों से मांगी रिपोर्ट
अवैध फॉर्म हाउस पर कार्रवाई न करने पर अपनाया सख्त रवैया। दक्षिणी व उत्तरी दिल्ली निगम को 15 अक्टूबर तक मांगा जवाब।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली में नियमों के खिलाफ बने हुए फॉर्म हाउस और मोटल पर कार्रवाई किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनिटरिंग कमेटी ने सख्त रुख अख्तियार किया है। कमेटी ने अवैध गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहने पर दक्षिणी एवं उत्तरी दिल्ली नगर निगम को फटकार लगाते हुए 10 दिन के भीतर अनुपालन रिपोर्ट मांगी है।
निगम को अब 15 अक्टूबर तक अपना जवाब कमेटी को देना है। मॉनिटरिंग कमेटी ने 20 सितंबर को उत्तरी एवं दक्षिणी निगम को पत्र लिखकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। 28 सितंबर तक निगमों को इस पर अनुपालन रिपोर्ट देनी थी। निगमों द्वारा चार अक्टूबर तक रिपोर्ट जमा न करने पर मॉनिटरिंग कमेटी ने सख्त हिदायत देते हुए 15 अक्टूबर तक कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।
कमेटी इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में पेश करेगी। कमेटी को शिकायतें मिली हैं कि मोटल व फार्म हाउस संचालकों ने अपने परिसर में वातानुकुलित पंडाल और शामियाने बना रखे हैं। इतना ही नहीं, इसके लिए इन फॉर्म हाउस संचालकों और मोटल संचालकों ने फायर विभाग और निगमों से इजाजत भी नहीं ली है। इसके अलावा मोटल और फॉर्म हाउसों द्वारा बेसमेंट में व्यावसायिक गतिविधियां की जा रही हैं, जबकि बेसमेंट में केवल वाहन पार्किग की इजाजत है।
इसलिए, कमेटी ने निगमों को निर्देश दिए हैं कि जो फार्म हाउस और मोटल स्थानीय निकाय से सैंक्शन बिल्डिंग प्लान और बिल्डिंग कंप्लीशन सर्टिफिकेट के बिना चल रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही नियमों के मुताबिक 48 घंटे का नोटिस देकर पूछा जाए कि उनके प्रतिष्ठान को सील क्यों न किया जाए। मालूम हो कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने 31 और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने 16 मोटलों को कमेटी के निर्देशानुसार नोटिस जारी किए हैं। अन्य को भी नोटिस दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है।