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दिल्ली में मंत्री के घर का अवैध निर्माण गिरा, अब कांत एन्क्लेव में चलेगा बुलडोजर

दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय के घर से अवैध निर्माण गिराए जाने की तस्वीर भाजपा नेता ने सोशल मीडिया पर जारी की है। कांत एन्क्लेव में अवैध निर्माण गिराने को SC ने दिया है आदेश।

By Amit SinghEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 04:21 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 04:21 PM (IST)
दिल्ली में मंत्री के घर का अवैध निर्माण गिरा, अब कांत एन्क्लेव में चलेगा बुलडोजर
दिल्ली में मंत्री के घर का अवैध निर्माण गिरा, अब कांत एन्क्लेव में चलेगा बुलडोजर

नई दिल्ली/फरीदाबाद (जेएनएन)। दिल्ली-एनसीआर में अतिक्रमण और अवैध निर्माण आम बता हो चुकी है। मंत्री से लेकर आम लोग भी इस अवैध निर्माण में शामिल हैं। इसे लेकर कोर्ट लगातार सख्त हैं। काफी हंगामे के बाद दिल्ली सरकार के मंत्री के घर का अवैध निर्माण गिरा दिया गया है। अब बारी है फरीदाबाद की कांत एन्क्लेव का। यहां भी अवैध निर्माण पर जल्द बुलडोजर चलाने की तैयारी है।

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मंत्री गोपाल राय के घर का अवैध निर्माण ढहाया गया

दिल्ली सरकार में श्रम मंत्री गोपाल राय के राजनिवास मार्ग स्थित सरकारी आवास में किए गए अवैध निर्माण को आखिरकार गिरा दिया गया है। इस संबंध में भाजपा नेता प्रवीण शंकर कपूर ने सोशल मीडिया पर तस्वीर भी जारी की है। प्रवीण शंकर कपूर ने पिछले दिनों निर्माण की तस्वीर को सोशल मीडिया पर साझा कर मंत्री के घर में अवैध निर्माण के मामले को सामने लाया था। इसके बाद निगम ने भी इस मामले की जांच की थी। कपूर का दावा है कि इस मामले को उठाने के बाद मंत्री अपने आवास में अवैध निर्माण गिराने को मजबूर हो गए। उन्होंने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मांग की है कि वह दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग से अवैध निर्माण को लेकर जवाब मांगे। यह भी पूछा जाए कि किसके आदेश पर निर्माण कर रहे थे और इसके लिए किसने फंड जारी किया।

कांत एन्क्लेव में 43 निर्माणों पर गिरेगी गाज

दिल्ली से सटे कांत एन्क्लेव में 1992 के बाद बने निर्माणों को तोड़ने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सरकार अपनी ओर से कार्रवाई करने का मन बना चुकी है। यहां करीब 43 निर्माणों पर कार्रवाई होगी। इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उपायुक्त अतुल द्विवेदी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की। सुप्रीम कोर्ट ने 11 सितंबर-2018 को कांत एन्क्लेव में 1992 के बाद बने निर्माणों को 31 दिसंबर तक तोड़ने के आदेश दिए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने वन क्षेत्र में हुए निर्माण को लेकर नाराजगी भी जाहिर की थी और हरियाणा के मुख्य सचिव को आदेश पर अमल के आदेश दिए थे। वरिष्ठ जिला नगर योजनाकार एनएस चौहान ने बताया उन्होंने कांत एन्क्लेव का रिकॉर्ड खंगाला है। यहां करीब 43 ऐसे निर्माण सामने आए हैं जो 1992 के बाद बने हैं। इसलिए इन पर कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव ने उनसे स्पष्ट कहा है कि एक सप्ताह में इस मामले की कानूनी व अन्य प्रकार से जांच की जाए। यह सुनिश्चित जरूर किया जाए कि कोई निर्माण 1992 से पहले का न टूट जाए। इस बारे में पूरी स्टेटस रिपोर्ट एक सप्ताह में तैयार की जाए।

जंगल की जमीन पर बना है कांत एन्क्लेव

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कांत एन्क्लेव पूरी तरह से जंगल की जमीन पर बना हुआ है। इसलिए ये अवैध है। कोर्ट का आदेश है कि निर्माण गिराने के बाद ये जमीन वापस वन विभाग को दे दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि अरावली हिल के आस-पास पर्यावरण को नुकसान हुआ है।


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