IIT दिल्ली के सभी कर्मचारी और शिक्षक शहीदों के परिजनों की मदद के लिए देंगे वेतन
आइआइटी दिल्ली के सभी कर्मचारियों, छात्रों एवं शिक्षकों ने पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों की श्रद्धांजलि अर्पित कर दो मिनट का मौत व्रत रखा।
नई दिल्ली, जेएनएन। जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में (Pulwama terror attack) आतंकी घटना के बाद देश भर में लोगों का प्रदर्शन और गुस्से का दौर चल रहा है। सोशल मीडिया से लेकर चाय की दुकानों तक एक ही बात पुलवामा अटैक की बात हो रही है। इसी क्रम में आइआइटी दिल्ली के सभी कर्मचारियों, छात्रों एवं शिक्षकों ने पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों की श्रद्धांजलि अर्पित कर दो मिनट का मौत व्रत रखा। संस्थान के कर्मचारी यूनियन ने अपने एक दिन का वेतन शहीदों के परिवारों का देने का निर्णय लिया है। सारे पैसे इकट्ठा करके प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में भेजा जाएगा। वहीं इंदिरापुरम निवासियों ने भी अभय खंड में इस आतंकी घटना के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला।
लोगों ने कहा - 44 सैनिकों के बदले 4400 आतंकवादियों को मौत के घाट उतारना चाहिए
वहीं मानेसर में पुलवामा आतंकी हमले के विरोध में आइएमटी (मानेसर) में शुक्रवार को लोगों ने पाकिस्तान का पुतला फूंका। लोगों ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देने का काम कर रहा है। पाकिस्तान में ही आतंकी संगठन पनप रहे हैं और भारत में लगातार इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देते हैं। बृहस्पतिवार को जो घटना हुई उसकी जिम्मेदारी भी पाकिस्तानी आतंकी संगठन ने ली। इस घटना से पूरे देश में गुस्सा है और इसका बदला लेने की मांग उठने लगी है। लोगों का कहना था कि सरकार को इस हमले का बदला लेने के लिए 44 सैनिकों के बदले 4400 आतंकवादियों को मौत के घाट उतारना चाहिए।
शहादत का बदला लेना चाहिए
मोकलवास के सरपंच मनोज, खरखड़ी के सरपंच सतीश व भांगरोला के सरपंच राजू यादव ने कहा कि सैनिकों की शहादत का बदला हमें दुश्मन देश से लेना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को पूर्ण आजादी देकर एक बहुत अच्छा कार्य किया है। इससे सेना अपने स्तर पर फैसले ले सकेगी। शहीदों के परिवार के साथ पूरा देश खड़ा है। इस प्रकार की अप्रिय घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस मौके पर अभिषेक नाहरपुर, मनित यादव नाहरपुर, राहुल जिगरी, रामचंद्र, कांशीराम, अमरेंद्र समेत काफी लोग मौजूद रहे।
जानिए क्या है प्रधानमंत्री राहत कोष
सरकार के द्वारा बनाया गया एक राहत कोष है। प्रधानमंत्री राहत कोष व्यक्तियों, संगठनो, संस्थानों, ट्रस्ट तथा कंपनियों से स्वैछिक अनुदान / योगदान स्वीकार करता है। प्रधानमंत्री राहत कोष को दिए गए सभी अनुदान/ योगदान आयकर की धारा 80(जी) के तहत आयकर से छूट प्राप्त होते हैं।