Move to Jagran APP

IIT Delhi alumnus Mayank : मयंक ने कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों की मदद के लिए बनाया ऐप

IIT Delhi alumnus Mayank यह ऐप लोकेशन आधारित है। इसमें मददगार और जरूरतमंद एक जगह पर आ जाएंगे और उन्हें यह पता चल जाएगा कि उनके किसी नजदीक को मदद की जरूरत है। या यह पता चल सकेगा कि उसके सबसे नजदीक मेें मददगार कौन-कौन है?

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 21 May 2021 12:20 PM (IST)Updated: Fri, 21 May 2021 12:27 PM (IST)
IIT Delhi alumnus Mayank : मयंक ने कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों की मदद के लिए बनाया ऐप
IIT Delhi alumnus Mayank : कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों की मदद के लिए बनाया ऐप

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]।  दिल्ली आइआइटी के पूर्व छात्र मयंक भांगड़िया परिवार समेत जब कोरोना वायरस संक्रमित हुए तो उन्हें इलाज व मदद मिलने में कठिनाई आई। इसके बाद मयंक ने कोरोना वायरस संक्रमितों व उनके परिजनों के मददगारों के लिए ऐप बना दिया। इस ऐप को बनाने वाले मयंक भांगड़िया ने बताया कि वह पिछले माह परिवार पत्नी व बच्चों समेत संक्रमित हुए थे। किसी से मदद लेने बाहर नहीं जा सकते थे। इलाज और मदद में कठिनाई आईं, क्योंकि जान पहचान वाले दूर रहते थे। इंटरनेट मीडिया में भी संक्रमिताें और उनके घर वालों की मदद की अपीलें देखीं, तब विचार आया कि ऐसी व्यवस्था हो, जिसमें नजदीक रहने वाले लोग ही मददगार बन सकें। इसके साथ ही नजदीक के अस्पताल, जांच सेंटर व दवा की दुकान समेत अन्य सुविधाओं की जानकारी एक ही स्थान पर मिल सकें। इसके लिए उन्होंने क्लोज ऐप बनाया है, जो लोकेशन आधारित है।

loksabha election banner

मयंक मूल रूप से मध्यप्रदेश के इंदौर के रहने वाले हैं। दिल्ली आइआइटी से इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद अपना कार्यक्षेत्र राष्ट्रीय राजधानी को बनाया है। वह बताते हैं कि जब कोरोना संक्रमित हुए तो वह दिल्ली में ही थे। यह ऐप लोकेशन आधारित है। इसमें मददगार और जरूरतमंद एक जगह पर आ जाएंगे और उन्हें यह पता चल जाएगा कि उनके किसी नजदीक को मदद की जरूरत है। या यह पता चल सकेगा कि उसके सबसे नजदीक मेें मददगार कौन-कौन है? और नजदीक में चिकित्सकीय सुविधाएं कहां-कहां है।

वह कहते हैं कि इस कोरोना काल में एक बात देखने को मिली कि किसी मशहूर व्यक्ति की कोरोना संबंधित पोस्ट बहुत वायरल हो जाती है और उन्हें मदद मिल जाती है। वहीं, एक आम व्यक्ति की पोस्ट अक्सर कहीं खो जाती है और ज्यादा मददगारों के पास नहीं पहुंच पाती। इंटरनेट मीडिया पर मांगी गई मदद तब तक मददगार के पास नहीं पहुंचती जब तक वह फेसबुक, ट्विटर व वाट्सएप से सीधे उसके संपर्क में न हो और उसके सोशल मीडिया प्रोफाइल से जुड़ा न हो। वहीं, मयंक द्वारा बनाए गए इस ऐप में बिना किसी परिचय या सोशल मीडिया जुड़ाव के ही जरूरतें बता देता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.