अगले साल डीयू में एडमिशन लेने जा रहे हैं तो जरूर पढ़ें यह खबर, लगने वाला है बड़ा झटका
DU admission 2022-23 दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने फंड की समस्या का समाधान करने के लिए जो चार सदस्यीय कमेटी गठित की थी उसने डेवलपमेंट फंड के तहत शुल्क 300 रुपये तक बढ़ाने का सुझाव दिया है। इससे डीयू में पढ़ाई महंगी होने जा रही है।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। देश के नामी शिक्षण संस्थानों में शामिल दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिल देने की सोच रहे हैं, तो अगले से साल से यहां पर फीस में इजाफा होने जा रहा है। दरअसल, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने फंड की समस्या का समाधान करने के लिए जो चार सदस्यीय कमेटी गठित की थी, उसने डेवलपमेंट फंड के तहत शुल्क 300 रुपये तक बढ़ाने का सुझाव दिया है। कमेटी को विवि के विभिन्न विकास के कार्यो के लिए फंड की उपलब्धता आदि पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का जिम्मा सौंपा गया था। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा कैपिटल ग्रांट में कमी, आनलाइन शिक्षण व्यवस्था के लिए संसाधन बढ़ाने का हवाला देकर शुल्क बढ़ाने की बात कही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2012-13 से डेवलपमेंट फंड के तहत 600 रुपये प्रति वर्ष शुल्क वसूला जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फंड की कमी के चलते प्रयोगशाला के उपकरण भी नहीं खरीदे जा सके। इसके लिए 52 करोड़ रुपये आवंटित करने की बात कही गई है। कई विभाग लगातार इस बाबत डीयू प्रशासन को पत्र लिख रहे हैं। दरअसल, उपकरणों की खरीद के लिए यूजीसी से पर्याप्त अनुदान नहीं मिल रहा है। ऐसा विगत तीन चार सालों से हो रहा है। इस साल तो सिर्फ 1.25 करोड़ रुपये ही आवंटित किए गए। इसके अलावा एसी प्लांट, इंजीनियरिंग से संबंधित कार्यो के लिए भी फंड की कमी आड़े आ रही है। लिहाजा, कमेटी ने डेवलपमेंट फंड के प्रयोग के 2015 के नियमों में बदलाव की गुजारिश की।
बता दें कि पहले नियम के मुताबिक हाल, छात्रावास, गेस्ट हाउस में बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने का प्रविधान था। जिसे संशोधित कर रिपेयर, पुनर्विकास, सुंदरीकरण, एसी प्लांट की देखरेख और प्रयोगशाला की देखरेख से जोड़ने की सिफारिश की गई है।
पेंशन की भी होगी दिक्कत
कार्यकारी परिषद के सदस्य राजपाल सिंह कहते हैं कि पढ़ाई, शोध के लिए नए उपकरण खरीदने पड़ते हैं। इसलिए डेवलपमेंट फंड से धनराशि आवंटित की गई। लेकिन समस्या अभी खत्म नहीं होने वाली है। पेंशन के लिए यूजीसी 20 करोड़ रुपये अनुदान देती है, लेकिन इस बार 14 करोड़ ही मिला है। अगले माह पेंशन संबंधी समस्या से भी दो-चार होना पड़ सकता है।