Monsoon Rain 2021: मानसून ठीक से आया तो इस बार भी दिल्ली डूबेगी
Monsoon Rain 2021 दिल्ली के ड्रेनेज सिस्टम की बात करें तो यह 44 साल पुरानी व्यवस्था पर टिका हुआ है। मास्टर प्लान 1976 में तैयार किया गया था तब दिल्ली की आबादी 60 लाख थी। वर्तमान में दिल्ली की आबादी करीब 1.87 करोड़ है।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। मानसून ठीक से आया तो इस बार भी दिल्ली डूबेगी, क्योंकि इस बार नालों की सफाई मानसून से पहले हो पाने की संभावना कम है। नालों की सफाई का काम ठप है। अधिकतर श्रमिक अपने गांव जा चुके हैं और विभागों के कर्मचारी कोरोना की चपेट में है। हालात को देखते इस बार आशंका जाहिर की जा रही है कि नालों की सफाई का कार्य 30 जून से पहले पूरा नहीं हो सकेगा। हालांकि, इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य 30 मई से लेकर 15 जून रखा गया है। राजधानी दिल्ली के ड्रेनेज सिस्टम की बात करें तो यह 44 साल पुरानी व्यवस्था पर टिका हुआ है। मास्टर प्लान 1976 में तैयार किया गया था, तब दिल्ली की आबादी 60 लाख थी। वर्तमान में दिल्ली की आबादी करीब 1.87 करोड़ है। यही कारण है कि मानसून के दौरान हर साल दिल्ली में जलभराव की समस्या बनी रहती है। मानसून के समय जलभराव न हो, इसे देखते हुए हर वर्ष नालों की सफाई का कार्य कराया जाता है। इस बार भी नालों की सफाई के कार्य को टेंडर जनवरी-फरवरी में कर दिए गए थे। नालों की सफाई का कार्य शुरू हो पाता इससे पहले ही कोरोना का संक्रमण बढ़ने के चलते लॉकडाउन लग गया।
तीन मुख्य नालों से मिलते हैं 201 नाले
दिल्ली में बरसाती पानी की निकासी के लिए तीन मुख्य नाले हैं। इनमें एक ट्रांस यमुना, दूसरा बारापुला और तीसरा नजफगढ़ ड्रेन है। इन मुख्य नालों से कुल 201 बड़े नाले मिलते हैं। ट्रांस यमुना से 34 नाले, बारापुला से 44 और नजफगढ़ ड्रेन से 123 नाले जुड़े हुए हैं। तीनों मुख्य नालों से ही यमुना में बरसाती पानी की निकासी होती है। दिल्ली में बरसाती पानी की निकासी के लिए मुख्यतया सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, एमसीडी और पीडब्ल्यूडी के नाले हैं। छोटे नाले एमसीडी व पीडब्ल्यूडी के पास, जबकि बड़े नाले सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के पास हैं। एमसीडी के पास सबसे अधिक करीब तीन हजार छोटे नाले हैं। इन छोटे नालों का पानी सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के बड़े नालों में गिरता है, जहां से यमुना में चला जाता है।
लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि नालों की सफाई के कार्य के लिए टेंडर का कार्य समय पर पूरा कर लिया गया था। लेकिन, कोरोना के चलते व्यवस्था बिगड़ चुकी है। नालों की सफाई के कार्य से संबंधित अलग-अलग कार्यालयों में 60 से 65 फीसद अधिकारियों व कर्मचारियों को कोरोना हो चुका है। ऐसे में भी नालों की सफाई का काम प्रभावित हो रहा है। दिल्ली में विभिन्न विभागों के अधीन आने वाले नालों की कुल लंबाई 3313.76 किलोमीटर है।