बॉलीवुड में किस्मत ने नहीं दिया साथ तो यूट्यूबर रिक्शावाली बन हुईं मशहूर
एक लड़की नाम है रिक्शावाली। लेकिन वह रिक्शा नहीं चलातीं बल्कि रिक्शे में बैठकर लोगों को हंसाती हैं। हम बात कर रहे हैं मशहूर यूट्यूबर रिक्शावाली की जिन्होंने अपने चैनल की शुरुआत में रिक्शे को ही अपना स्टूडियो बना डाला।
यशा माथुर, नई दिल्ली। एक लड़की, नाम है रिक्शावाली। लेकिन वह रिक्शा नहीं चलातीं बल्कि रिक्शे में बैठकर लोगों को हंसाती हैं। हम बात कर रहे हैं मशहूर यूट्यूबर रिक्शावाली की, जिन्होंने अपने चैनल की शुरुआत में रिक्शे को ही अपना स्टूडियो बना डाला। बॉलीवुड में नाम कमाने की उम्मीद में मुंबई आई अनिशा दीक्षित के आज 27 लाख से ज्यादा सब्स्क्राइबर्स हैं। अनिशा कैसे रिक्शावाली बनीं, जानते हैं उनकी दिलचस्प कहानी...
रास नहीं आया बॉलीवुड
मैं करीब दस साल पहले बॉलीवुड में एक्टर बनने के लिए जर्मनी से मुंबई गई थी। मैं जर्मन हूं। मेरे मम्मी-पापा भारतीय हैं। जर्मनी में ही मुझे बॉलीवुड का कीड़ा लग गया था लेकिन यहां आकर मैंने जाना कि बॉलीवुड इतना आसान नहीं है। अब तो पिछले आठ सालों से मैं यहीं रहती हूं।
बॉलीवुड में लोग जताते हैं कि आपमें हुनर नहीं है लेकिन यू-ट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर आपको आपके कद्रदान मिल ही जाएंगे। यही सोशल मीडिया की खूबसूरती है। अभी तो शुरुआत है। पता नहीं कितने लोग यहां आएंगे। मैंने बहुत ऑडीशंस दिए। सभी में मैं रिजेक्ट हुई। काफी फ्रस्ट्रेशन था।
... और रिक्शा बन गया स्टूडियो
इसी निराशा में मैं एक दिन एक रिक्शे में बैठी और सेल्फी लेने लगी। वे शॉट बहुत अच्छे थे। पिंक रिक्शा था, कोई रिक्शावाला वहां नहीं था बल्कि मैं रिक्शावाली थी। वह मेरी सोच का एक्सीडेंट था। उस समय मैंने सोचा कि रिक्शे के अंदर ही कुछ बनाते हैं। रिक्शा एक छोटे स्टूडियो जैसा लगा मुझे।
मैं निकल पड़ी रिक्शेवालों के पास और परफेक्ट रिक्शा ढूंढऩे लगी। एक मैदान में मैंने एक रिक्शेवाले से कहा कि आप ये पैसे ले लें और मुझे एक घंटे के लिए अपना रिक्शा दे दें। वह भी हैरान था कि यह लड़की रिक्शे का क्या करेगी? फिर मैंने उस रिक्शे को सजाया। कुछ खिलौने रखे, अपना आइ फोन बीच में टांगा और कैमरे पर कुछ भी बोलने लगी।
खुद की ऑडियंस बनाई
फिर एक वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर डाला तो दस व्यूज आए। मुझे बहुत खुशी हुई कि अब मुझे ऑडीशंस के लिए जाने की जरूरत नहीं है मेरी खुद की ऑडियंस बन जाएगी। ऐसे ही मैं वीडियोज बनाती गई। लोग मुझसे उड़ते गए और मैं यूट्यूबर रिक्शावाली बन गई। मैं सिर्फ कॉमेडी कंटेंट बनाती हूं जैसे आप शावर के समय क्या सोचते हैं? भुलक्कड़, भुक्कड़ लोग कैसे होते हैं? आप जो भी बोलेंगे वह मेरे चैनल पर मिलेगा। फिर मैंने एक रिक्शा खरीदा और उसे स्टूडियो की तरह प्रयोग करने लगी। अब और आगे बढ़ गई हूं। अब तो मैं कॉमेडी स्केचेज भी बनाती हूं।
एक बंद हुआ, दूसरा दरवाजा खुला
लोगों का जिंदगी में जो लक्ष्य होता है वह उसे नहीं मिलता तो एक सोच आती है कि एक दरवाजा बंद हुआ है तो दूसरा खुल जाएगा। उस समय मुझे यू-ट्यूब के बारे में कुछ भी पता नहीं था। लेकिन बॉलीवुड में रिजेक्शन से यह लग रहा था कि यहां कुछ भी बनने वाला नहीं है। जब रिक्शे में मैंने अपना शॉट देखा तो लगा यहां कुछ तो है बस दिमाग और लगाना पड़ेगा कि मैं क्या कर सकती हूं? मुझे लगा कि दूसरा दरवाजा मिला है लेकिन इसे खोलने के लिए मुझे इतना खड़काना पड़ेगा कि यह टूट जाए।
जिंदगी सीधी एबीसीडी नहीं
लोगों को यह समझना चाहिए कि जिंदगी में कभी एबीसीडी नहीं होती। कभी ए से सीधे जी तक जाना पड़ सकता है। कैसे आपको जाना है, यह आपके ऊपर है। बस आप करते जाइए। रुकिए मत। जिंदगी एक ही है। मैंने सात साल पहले जब अपना चैनल बनाया था तो मुझे सिर्फ कॉमेडी के लिए कुछ भी करना था। तो मैंने एक वीडियो 'पीरियड टू द म्यूजिकल’ बनाया। उसमें मैंने पीरियड पर गाना गाया। मेरी तो वाट लग गई।
क्योंकि मुझे लग रहा था एक लड़की होकर मैं ऐसा गाना ऑनलाइन गाउंगी तो मेरा परिवार पसंद नहीं करेगा। लेकिन जब मैंने वह वीडियो रिलीज किया तो इतनी ज्यादा लड़कियों का रेस्पांस आया कि मैं सोचने पर मजबूर हो गई कि किसी को तो इन विषयों पर बात करनी ही होगी। लड़कियों की समस्या के बारे में कोई कुछ नहीं बना रहा। तो लोग क्या कहेंगे, इसके बारे में न सोच कर, अपने आपको मजबूत बनाओ, निडर बनो।
कोशिश करो कि आप जो करना चाहते हैं उसे करो। अगर हम अपने आपको ही कॉन्फिडेंस नहीं देंगे तो कौन देगा? अगर आपका परिवार नहीं मान रहा है, समाज इजाजत नहीं दे रहा हे तो भी आप जो करना चाहते हैं करें। लड़कियों से कहना चाहती हूं कि उपलब्ध परिस्थितियों में अपने हुनर से जितना भी कर सकती हैं करें।
लड़की पागल है
सात साल पहले यूट्यूब पर लड़कियां कम ही थीं। मेरे चैनल का नाम रिक्शावाली था। मेरे माता-पिता ने कहा कि यह लड़की पागल है, इसे जो भी करना है करने देते हैं। बस वही मेरे साथ थे। आज वही रिश्तेदार मुझे अपना परिवार बताते हैं, जो मुझ पर टीका टिप्पणी करते थे। मुश्किलों के बारे में मत सोचो, बस कर डालो। अब मैंने अपने चैनल को अपना नाम अनिशा दीक्षित दे दिया है लेकिन अभी भी लोग मुझे रिक्शावाली के नाम से ही पहचानते हैं।
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