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वीडियो गेमिंग के बाद अब वर्चुअल रियलिटी डेवलपर्स के लिए नौकरियों में अपार संभावनाएं

वीडियो गेमिंग के बाद कोरोना संकट के दौरान वर्चुअल तरीके से पढ़ाई लिखाई से लेकर जॉब ट्रेनिंग समारोह आदि के लिए वर्चुअल रियलिटी/ आग्मेंटेड रियलिटी तकनीक का काफी इस्तेमाल देखा जा रहा है। आने वाले समय में इस आभासी तकनीक का उपयोग कई इंडस्ट्रीज में देखने को मिल सकता है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 10:57 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 03:57 PM (IST)
वीडियो गेमिंग के बाद अब वर्चुअल रियलिटी डेवलपर्स के लिए नौकरियों में अपार संभावनाएं
आने वाले समय में इस आभासी तकनीक का उपयोग मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर जैसी दूसरी कई इंडस्ट्रीज में भी देखने को मिलेगा।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। कोरोना महामारी के बीच करीब तीन महीने पहले आइआइटी मुंबई का वर्चुअल कॉन्वोकेशन काफी चर्चा में रहा। इंस्टीट्यूट ने वर्चुअल रियलिटी तकनीक की मदद से अपने ग्रेजुएट्स के लिए पहली बार वर्चुअल मोड में दीक्षांत समारोह आयोजित किया। इस वर्चुअल कॉन्वोकेशन के लिए हर छात्र का डिजिटल अवतार तैयार किया गया। छात्र अपने घर में थे, लेकिन उनका डिजिटल अवतार कॉलेज कैंपस में मौजूद रहा, जहां उन्हें डिग्री प्रदान की गई। इसी तरह गूगल, एपल के वर्चुअल असिस्टेंट का उदाहरण हमारे सामने है। लेकिन कोरोना महामारी के बाद वीडियो गेमिंग के अलावा विभिन्न उद्योगों में भी इस तकनीक की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। 

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खासकर उन क्षेत्रों में, जहां सीधे तौर पर इंसानों द्वारा ज्यादातर कार्य किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि आने वाले वर्षों में इस आभासी तकनीक से बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ जॉब ट्रेनिंग, हेल्थकेयर, टेलीकॉम, ऑटोमोटिव, एयरोस्पेस, डिफेंस, साइबर सिक्योरिटी, रिटेल, एंटरटेनमेंट जैसे सेक्टर्स में व्यापक स्तर पर इस्तेमाल होने से काफी नौकरियां सामने आएंगी। इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट, टूरिज्म आदि पारंपरिक क्षेत्रों में भी वीआर एप्लिकेशनआधारित नौकरियां सृजित होंगी और बढ़ेंगी भी।

क्या है वर्चुअल रियलिटी : वर्चुअल रियलिटी का शाब्दिक अर्थ है आभासी सच्चाई यानी आपको सब कुछ असली-सा दिखेगा, लेकिन असल में वह आभासी होता है। इसका प्रयोग करने पर ऐसा अनुभव होता है कि वास्तव में आपके सामने ही सब कुछ हो रहा है या ऐसा प्रतीत होता है कि आप भी उसी माहौल में हैं। इसे ही शॉर्ट फॉर्म में वीआर भी कहते हैं। इसके एडवांस लेवल को आग्मेंटेड वर्चुअल रियलिटी कहते हैं।

कोर्स एवं योग्यताएं : वीआर/एआर टेक्नोलॉजी में दक्षता हासिल करने के लिए कंप्यूटर साइंस या कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिग्री होनी आवश्यक है। इसके अलावा, डिजाइनिंग कोर्स करके भी इस फील्ड में एंट्री पाई जा सकती है। यह बेसिक कोर्स करने के बाद एआर/वीआर तकनीक प्रदाता किसी कंपनी में इंटर्नशिप करके इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। अभी देश में वर्चुअल रियलिटी के लिए अलग से कोर्स उपलब्ध नहीं है। इंटर्नशिप करके ही इसमें अपनी स्किल को बढ़ाया जा सकता है। लेकिन बेसिक कोर्स करने से पहले अपनी रुचि का ध्यान जरूर रखें, यह देखें कि आपकी वर्चुअल रियलिटी के किस फील्ड (सॉफ्टवेयर डेवलमेंट या डिजाइनिंग) में अधिक रुचि है। फिर उसी अनुसार कंप्यूटर इंजीनियरिंग या डिजाइनिंग कोर्स करना ज्यादा उचित रहेगा। कोर्सेरा, उडेमी पर भी इसके लिए ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध है।

बढ़ रहे नौकरियों के अवसर : क्वीपलिन (Queppelin) के कोफाउंडर प्रफुल्ल माथुर ने बताया कि वीआर गेम आपने जरूर देखा-सुना होगा। यह गेम अगर आप खेलते हैं, तो बिल्कुल उसी इकोसिस्टम के अंदर चले जाते हैं। ऐसा लगता है कि आप रियल में वह गेम खेल रहे हैं। लेकिन यह वर्चुअल रियलिटी का केवल शुरुआती फेज है। यह तकनीक आज इससे कहीं आगे का सॉल्यूशन उपलब्ध कराती है, जैसेआज इसका सबसे अधिक उपयोग बड़ी इंड्रस्ट्रीज अपने कर्मचारियों की ट्रेनिंग के लिए कर रही हैं, क्योंकि फिजिकल ट्रेनिंग की तुलना में वीआर ट्रेनिंग सस्ती पड़ती है। इससे लेबर को जल्दी ट्रेंड किया जा सकता है, उनकी प्रोडक्शन एफिशिएंसी भी इससे बढ़ जाती है। अगले दो से तीन सालों में दुनिया भर के सारे मैन्युफैक्चरिंग देशों में यह तकनीक आ जाएगी। अपने देश में भी जैसे-जैसे मैन्युफैक्चरिंग और बढ़ेगी, लेबर फोर्स और बढ़ेगा, उसी गति से वीआर/एआर का उपयोग भी बढ़ता जाएगा और इस तकनीक के सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट तथा इसके डिजाइनिंग फील्ड में युवाओं के लिए नौकरी के काफी अवसर होंगे।

प्रमुख संस्थान

आइआइटी जोधपुर/दिल्ली/खड़गपुर/रुड़की

www.iitj.ac.in

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद

www.nid.edu

माया एकेडमी ऑफ एडवांस्ड सिनेमैटिक्स, इंडिया

www.maacindia.com/about-us.aspx

कोर्सेरा

www.coursera.org

उडेमी

www.udemy.com

सैमसंग दे रहा वीआर ट्रेनिंग : हाल ही में सैमसंग इंडिया की ओर से आइआइटी जोधपुर में एआर-वीआर लैब की शुरुआत की गई है, जहां स्टूडेंट्स को आग्मेंटेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी तथा मिक्स्ड रियलिटी जैसी नई तकनीकों की विशेष जानकारी दी जाएगी। यह कोर्स कंप्यूटर साइंस ऐंड इंजीनियरिंग विभाग के बीटेक, एमटेक तथा पीएचडी स्टूडेंट्स के लिए है। कोर्स की अवधि 14 सप्ताह है। सैमसंग के लैब आइआइटी दिल्ली/खड़गपुर/रुड़की/गुवाहाटी आदि जगहों पर पहले से संचालित हो रहे हैं।

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