देशभर में कैसे थमेगी वायु प्रदूृषण की रफ्तार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बनवा रहा कार्ययोजना
वायु प्रदूषण की बढ़ती रफ्तार को थामने के लिए दिल्ली- एनसीआर सहित अब देश के विभिन्न शहरों में जिला स्तरीय कार्ययोजना बन रही है। इस कार्ययोजना में वहां की स्थानीय समस्या उसके कारण और उससे निपटने के सभी संभावित उपायों का भी विस्तार से जिक्र होगा।
नई दिल्ली। वायु प्रदूषण की बढ़ती रफ्तार को थामने के लिए दिल्ली- एनसीआर सहित अब देश के विभिन्न शहरों में जिला स्तरीय कार्ययोजना बन रही है। इस कार्ययोजना में वहां की स्थानीय समस्या, उसके कारण और उससे निपटने के सभी संभावित उपायों का भी विस्तार से जिक्र होगा। जानकारी के मुताबिक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश पर यह कार्ययोजना केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की निगरानी में तैयार हो रही है। बहराइच (उत्तर प्रदेश), पुणे (महाराष्ट्र), बोकारो (झारखंड), चामराजानगर (कनार्टक) एवं पंचकुला (हरियाणा) की कार्ययोजना को सीपीसीबी ने माडल के तौर पर प्रस्तुत किया है। इसी तर्ज पर मध्य दिल्ली सहित देश के 132 नान अटेंनमेंट (जहां प्रदूषण कम करने की दिशा में काम ही नहीं हुआ) शहरों की कार्य- योजना भी बन गई है। अब उसे अंतिम रूप देने का काम चल रहा है।
सीपीसीबी अधिकारियों के मुताबिक जिला स्तरीय कार्ययोजना में संबंधित जिले की पर्यावरण से जुड़ी हर जानकारी होगी। जैसे, वहां की कुल जनसंख्या, रोजाना निकलने वाला कचरा, ई- कचरा, प्लास्टिक कचरा, मलबा, कचरा प्रबंधन की स्थिति, लैंडफिल साइट, वाहनों की संख्या, वायु प्रदूषण का स्तर, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में स्थानीय निकायों की सक्रियता, साफ सफाई की व्यवस्था इत्यादि। इसके अलावा इस कार्ययोजना में यह भी विस्तार से बताया जाएगा कि प्रदूषण की प्रभावी रोकथाम और पर्यावरण संरक्षण के लिए जिला स्तर पर क्या रणनीति बनाई गई है। क्या उपाय किए जाएंगे, क्या मैकेनिज्म होगा, कितने और किस स्तर के अधिकारियों को इस कार्य के लिए उत्तरदायी माना जाएगा और कार्ययोजना पर पालन न होने या लापरवाही बरते जाने की दशा में कार्रवाई का स्वरूप क्या रहेगा।
सीपीसीबी अधिकारियों के मुताबिक जिला स्तरीय जो कार्ययोजना आई हैं, एनजीटी को भेज दी गई हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से मिले दिशा निर्देशों को भी ध्यान में रखा जा रहा है। उम्मीद की जा सकती है कि जल्द ही ज्यादातर जगहों पर इस कार्ययोजना को लागू कर दिया जाएगा।
प्रशांत गार्गवा (सदस्य सचिव, सीपीसीबी) का कहना है कि एनजीटी के निर्देश पर जिला स्तरीय पर्यावरण कार्ययोजना तैयार की जा रही हैं। माडल के तौर पर पांच जिलों की कार्ययोजना सीपीसीबी ने अपनी निगरानी में तैयार करवाई हैं। इन्हीं की तर्ज पर बाकी जिले भी अपना काम कर रहे हैं। तैयार कार्ययोजना एनजीटी को भेज दी गई हैं।