शराब मंगाने वालों की उम्र कैसे पता करेगी सरकार, भाजपा सांसद की याचिका पर हाई कोर्ट ने पूछा सवाल
नई आबकारी नीति के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पूछा कि यह कैसे सुनिश्चित होगा कि शराब की होम डिलीवरी नाबालिगों को नहीं दी जा रही है। मुख्य न्यायाधीश ने सरकार से यह भी पूछा कि शराब मंगाने वाले की उम्र को कैसे सत्यापित करेंगे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नई आबकारी नीति के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने पूछा कि यह कैसे सुनिश्चित होगा कि शराब की होम डिलीवरी नाबालिगों को नहीं दी जा रही है। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति ¨सह की पीठ ने दिल्ली सरकार से यह भी पूछा कि होम डिलीवरी की प्रक्रिया के तहत शराब मंगाने वाले की उम्र को कैसे सत्यापित करेंगे।सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि यह पूर्व नियम में किया गया संशोधन है और अभी इसे लागू किया जाना है।
इस पर पीठ ने कहा कि सरकार को इस प्रश्न का जवाब देना चाहिए और आप ऐसा नहीं कह सकते हैं कि इसका जवाब नहीं देंगे। पीठ ने कहा कि उम्र को सत्यापित करने के लिए आधार कार्ड नंबर या अन्य प्रूफ का प्रविधान होना चाहिए।
भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा की तरफ से अधिवक्ता ने कहा कि होम डिलीवरी के दौरान उम्र की निगरानी के लिए कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई गई और इसके कारण शराब की डिलीवरी नाबालिगों को भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर रखना राज्य का कर्तव्य है और शराब की होम डिलीवरी करके दिल्ली सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है।
इसके जवाब में दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि दुकान से शराब खरीदने वाला व्यक्ति भी इसे लेकर घर आता है, तो यह मतलब नहीं निकाल सकते कि बच्चों को बिगाड़ रहे हैं।